PM Kisan 13th Installment: केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के कई योजनाएं चलाई हैं. कुछ योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक मदद देना है तो कुछ योजनाएं खेती-किसानी के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान करती हैं. आज हम बात करेंगे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) के बारे में , जिसके तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं. वैसे तो ये स्कीम सिर्फ छोटे किसानों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गई है, लेकिन कई किसान गलत तरीके से इस योजना का लाभ ले रहे थे, जिन पर कार्रवाई चल रही है.
इस बीच कई किसान ऐसे भी है, जो इस योजना के लिए पात्र तो है, लेकिन उनके खाते में समय पर 2,000 रुपये की किस्त नहीं पहुंच पाती. कई बार इस छोटी से गलती की वजह से किसानों को नाम भी लिस्ट (PM Kisan Beneficiary List) से बाहर कर दिया जाता है. इस गलती को किसान सिर्फ 15 रुपये खर्च करके सुधार सकते हैं. जी हां, अब वो 15 रुपये आपको कैसे औप कहां खर्च करने हैं. इस बात की जानकारी हम अपने आर्टिकल में विस्तार से दे रहे हैं.
15 रुपये खर्च करके 6,000 रुपये का फायदा
पीएम किसान योजना के लाभार्थी किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं. ये रकम दो-दो हजार रुपये की 3 किस्तों में चार महीने के अंतराल पर सीधा किसानों को बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. अब से 2,000 रुपये की किस्त के लिए ई-केवाईसी यानी बैंक और आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है. कई किसान अभी तक ई-केवाईसी (PM Kisan eKYC) नहीं करा पाए हैं. इस काम के लिए सिर्फ 15 रुपये खर्च करने होंगे.
बिहार कृषि विभाग के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी गई है कि पीएम किसान के लाभार्थी चाहें तो सीएससी या वसुधा केंद्र पर जाकर बायोमैट्रिक तरीके से ई-केवाईसी करा सकते हैं, जिसके लिए सिर्फ 15 रुपये चार्ज किया जाता है. बाकी राज्यों में भी ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के चार्ज बेहद कम होते हैं. अच्छा रहेगा यदि 13वीं किस्त ये पहले ये काम करवा लिया जाए, वरना 13वीं किस्त के कैंसिलेशन के साथ पीएम किसान योजना से भी नाम कट सकता है. बता दें कि ई-केवाईसी करवाने पर भी सिर्फ पात्र किसानों को ही 2,000 मिलेंगे.
क्यों करवाएं ई-केवाईसी
किसान के बैंक खाते और आधार कार्ड से लिंक करने वाले ई-केवाईसी प्रोसेस के जरिए सरकार तक किसान की जानकारी पहुंच जाती है. इस काम को करने से ना सिर्फ पीएम किसान बल्कि, पीएम किसाम मानधन योजना, पीएम फसल बीमा योजना, केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी स्कीम्स, लोन, इंश्योरेंस और फसल की ई-मार्केटिंग जैसे काम कई गुना आसान हो जाता है. कम शब्दों में समझें तो ई-केवाईसी वेरिफेकेशन करवाने से किसानों को ही सुविधा हो जाती है.
लिस्ट में चेक करते रहें अपना नाम
केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से किसानों की पात्रता का वेरिफिकेशन कर रही हैं. ई-केवाईसी और भूआलेखों का सत्यापन किया जा रहा है. इस बीच जिन किसानों के पास जमीन ज्यादा है, अपात्र हैं, अयोग्य है, संपन्न परिवार से हैं, सरकारी कर्मचारी है या एक ही परिवार के दो सदस्य 2,000 रुपये की किस्त उठा रहे हैं तो उनका लाभ लिस्ट से हटाया जा रहा है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के 21 लाख किसानों को बाहर किया गया है, इसलिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना के ऑफिशियल पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाकर Beneficiary List और Beneficiary Status में अपना नाम चेक करते रहें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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