PM Kisan Samman Nidhi Scheme: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों की पहचान की जा रही है. ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड्स के वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है. इस प्रोसेस से गुजरते ही अयोग्य किसान स्कीम से हटाए जा रहे हैं. करीब 1.86 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना से हटा दिया है और गैर-लाभार्थियों की छंटनी जारी है. इसी बीच स्कीम में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. कई राज्यों में मृत लाभार्थियों के बैंक खाते में दो-दो हजार रुपये की किस्तें ट्रांसफर हो रही थीं तो कहीं पीएम किसान योजना का लाभ लेने वाले जिंदा किसान को ही कृषि विभाग ने मृत घोषित करके उसका नाम हटा दिया.  


मृत किसानों को मिल रहीं सम्मान निधि की किस्तें
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का है, जहां पिछले 2 महीने से चल रहे भूमि आलेखों के सत्यापन के बाद अजीबोंगरीब मामले सामने आ रहे हैं. सत्यापन के बाद पता चला है कि करीब 17,000 मृतक किसानों के खाते में पीएम किसान की सम्मान निधि डाली जा रही थी. वहीं, 22,000 किसान ऐसे भी थे, जिनके पास खुद की खेती योग्य जमीन नहीं थी.


भूमिहीन होने के बावजूद इनके खाते में दो-दो हजार रुपये की किस्तें ट्रांसफर की जा रही थीं. अब जिला प्रशासन ने कार्रवाई करके किस्तें वापस वसूलने का निर्णय लिया है. करीब 39,000 किसानों को अब नोटिस भेजकर दो-दो हजार रुपये की किस्तें वापस मंगवाई जाएंगी.


बिहार के जिंदा किसान को कृषि विभाग ने बताया मृत
पीएम किसान की सत्यापन की प्रक्रिया के बीच एक मामला बिहार से भी सामने आया है, जहां कैमूर जिले के पैरा गांव स्थित संतोष कुमार सिंह को कृषि विभाग ने मृत घोषित कर दिया है. अब ना तो किसान के खाते में 1 साल से सम्मान निधि की किस्तें आ रही हैं और ना ही किसान डीजल अनुदान, पैक्स द्वारा धान की बिक्री और ना ही किसी सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है.


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कैमूर जिले के पैरा गांव में दो संतोष कुमार सिंह थे, जिसमें से संतोष कुमार सिंह, पिता स्व. मंगल सिंह की मृत्यु  28 अप्रैल 2021 को हो गई थी, लेकिन मृतक किसान का नाम स्कीम से हटाने के बजाए अधिकारियों से जिंदा किसान संतोष कुमार सिंह, पिता स्व. मंगल सिंह का नाम स्कीम से बाहर कर दिया.


किसान ने बताया कि उनके बैंक खाते में 9 अगस्त 2021 को पीएम किसान की 7वीं किस्त तो ट्रांसफर हुई, लेकिन 8वीं किस्त आने के साथ पैसा आना बंद हो गया. इसी के साथ किसान की आईडी और रजिस्ट्रेशन भी रद्ध कर दिया गया है. 


कौन है इस भूल का जिम्मेदार
किसान तक को दिए एक इंटरव्यू में संतोष कुमार सिंह बताते हैं कि 8वीं किस्त खाते में नहीं पहुंचने पर उन्होंने चांद प्रखंड के कृषि विभाग के कार्यालय में अधिकारियों सूचना दी तो पता चला कि कृषि समन्वयक और कुड्डी पंचायत के किसान सलाहकार के काम में लापरवाही और कागजात की जांच-पड़ताल ना करने की वजह से किसी और के बजए उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है.


अब अंजाम ये है कि जीवित संतोष कुमार सिंह खुद को कागजों में जिंदा सबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, क्योंकि  वो पीएम किसान योजना के साथ-साथ केंद्र या राज्य सरकार की  किसी भी स्कीम का लाभ नहीं ले पा रहे. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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