PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13 किस्त किसानों के खाते में पहुंच चुकी है. केंद्र सरकार 14 वीं किस्त को भेजने की तैयारियों में जुटी है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि किसी भी हाल में अपात्र किसान के खाते में निधि नहीं पहुंचनी चाहिए. जो अपात्र किसान हैं. उनकी छंटनी की जा रही है. लेेकिन एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिंदा किसान को सरकारी तंत्र ने मृत घोषित कर दिया है. अब वो किसान निधि पाने के लिए सरकारी कार्यालयांे के चक्कर काट रहा है. युवक खुद को जिंदा साबित करने के लिए ऑफिसों में भटक रहा हैै. 


डीएम सर मैं जिंदा हूं


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला स्थित तहसील से जुड़ा हुआ है. परेशान किसान भोजराज मेवाड़ा है. मंगलवार को वह जिला मुख्यालय पहुंचा. वहां उसने डीएम से आवेदन कर कहा कि सर मैं जिंदा हूं. मेरे पास 0.497 हेक्टर कृषि भूमि है. उसने बताया कि वर्ष  2021 में सरकारी तंत्र की ओर से मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद पीएम किसान की धनराशि बंद कर दी गई. उसने कहा कि उसे कागजों मेें जिंदा साबित किया जाए, ताकि सरकार की ओर से चलने वाली योजनाओं का लाभ ले सकें. 


आधार कार्ड दिखाता घूम रहा युवक


भोजराज ने बताया कि उसके जिंदा होने के उसके पास कई प्रमाणपत्र हैं. उसके पास आधार कार्ड भी है. यह मेरे जिंदा होने का प्रमाण है. शाजापुर डीएम किशोर कुमार कन्याल ने मीडिया को बताया कि भोजराज मेवाड़ा नामक व्यक्ति शिकायत लेकर आया था. उसकी ओर से उपलब्ध कराए सभी दस्तावेज देखे. 2 साल पहले कागजों मेें मृत घोषित कर दिया था. इसकी जांच एसएलआर को जांच सौंप दी है. जांच के बाद ही अगली कार्रवाई होगी. किसान को परेशान होने की जरूरत नहीं है. उसे न्याय मिलेगा. 


सरकारी लापरवाही से हो जाते हैं मृत घोषित


देश में ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें व्यक्ति को जिंदा होने के बावजूद कागजों में मृत घोषित कर दिया जाता है. बाद में व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटकता रहता है. बॉलीवुड मेें इसपर कागज नामक फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें सरकारी लापरवाही को दिखाया गया है. 



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