PM Kisan Samman Nidhi: केंद्र सरकार 12 वीं किस्त किसानों के खाते में भेज चुकी है. 13 वीं किस्त पाने के लिए किसान बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अपात्रों की छंटनी करने के चक्कर में 12 वीं किस्त कापफी लेट हो गई थी. लेकिन केंद्र सरकार की कोशिश है कि 13 वीं किस्त में देरी न की जाए. अब केंद्र सरकार की ओर से योजना का लाभ पाने वाले किसानों के आंकड़े सामने आए हैं. इस मामलें में उत्तर भारत के स्टेट में किसान सबसे ज्यादा किसान लाभ ले रहे हैं. 


किस्त पाने में उत्तर प्रदेश के किसान टॉप पर 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पाने वाले किसानों के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 14 दिसंबर, 2022 तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत किसानों को विभिन्न किस्तों में 2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश राज्य योजना का लाभ पाने में सबसे बड़ा स्टेट बनकर उभरा है. दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक राज्य को 2,238.72 करोड़ रुपये पीएम किसान निधि से मिले. इसके बाद दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से 663.4 करोड़ रुपये दिए गए. तीसरे नंबर पर चंडीगढ़ रहा था. 


2022 में इतनी धनराशि हुई जारी
वहीं, मौजूदा स्थिति देखें तो अगस्त से नवंबर 2022 की अवधि में उत्तर प्रदेश को 3,623.64 करोड़ रुपये जारी किए गए. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र को 1,001.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.  इस पीरियड में लक्षद्वीप और चंडीगढ़ को योजना के तहत पैसा जारी नहीं हुआ है. वहीं छत्तीसगढ़ में करीब 27,43,708 किसान पीएम किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं. ई-केवाईसी, भूलेख व अन्य डॉक्यूमेंट न अपडेट कराने की वजह से योजना की अगली किस्त सिर्फ 19 लाख किसानों को ही मिल पाएगी. केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में इन आंकड़ों की जानकारी दी है. 


क्या है स्कीम
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत प्रत्येक किसान को सालाना 6000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. चार महीने में 2000 रुपये किसानों के खातेमें भेज दी जाती है. योजना के तहत पैसा लाभार्थियों के खाते में सीधा भेज दिया जाता है. अपात्रों के खाते में पैसा न जाए. इसकी पहचान करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है. पीएम किसान वेबसाइट पर जाकर पात्रता की डिटेल देख सकती हैं. किसा खुद को रजिस्टर्ड भी करा सकते हैं. बता दें कि देश में लाखों की संख्या में अपात्र किसान योजना का लाभ ले रहे थे. ऐसे किसानों की केंद्र सरकार छंटनी कर रही है. 11 वीं किस्त पाने वालों की संख्या अधिक थी. अब जब छंटनी की गई तो 12 वीं किस्त पाने वालों की संख्या तेजी से घट गई.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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