PM Matasya Sampada Yojana: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से गांव में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी चलाई है, जिसमें मछली पालन से जुड़ी इकाईयों का आर्थिक मदद का प्रावधान है. इस स्कीम में राज्य सरकारें भी अपना अंशदान देती हैं, ताकि मछली पालन की लागत को कम करके मुनाफा बढ़ाया जा सके. इस प्लान पर हरियाणा सरकार भी काम कर रही है. राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए मछली पालन इकाईयों को अनुदान दिया जा रहा है.
मछली पालन के लिए अनुदान
हाल ही में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, हरियाणा मछली पालन विभाग ने राज्य में जलीय कृषि को बढ़ावा देने की प्लानिंग की है, जिसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों का रुझान मछली पालन में बढ़ाने के लिए कुल खर्च में 40 से 60 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए पीएमएमएसवाई के तहत राज्य सरकार ने 28 फरवरी तक आवेदन भी मांगे हैं
कौन-कौन लाभ ले सकता है?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में जो भी किसान पट्टे की जमीन पर मछली पालन करना चाहते हैं वो 28 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद चुने गए लाभार्थियों को मीठे पानी में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण, लवणीय और क्षारीय जमीन तालाब निर्माण, RAS यूनिट की स्थापना, प्रतिदिन 2, 8, 20 टन उत्पादन क्षमता वाला फिड मील, बैकयार्ड मिनी RAS यूनिट की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाएगा.
किसे-कितना अनुदान मिलेगा?
हरियाणा सरकार की ओर से जारी ट्वीट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को फिशरीज प्रोजेक्ट की लागत पर 40% अनुदान मिलेगा.
- वहीं महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के लाभार्थियों को मछली पालन प्रोजेक्ट के लिए 60 प्रतिशत अनुदान देने का प्लान है.
- इस बार मत्स्य संपदा योजना के तहत लघु और सीमान्त मछली पालकों को प्राथमिकता से लाभान्वित करने की प्लानिंग है.
- अधिक जानकारी के लिए अपने ब्लॉक या जिले के मछली विभाग में संपर्क कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें:- खेत में तालाब बनाएं, पैसा कमाएं.....किसानों को 1 लाख से अधिक अनुदान देगी सरकार