Banni Buffalo Farming in Gujarat: हाल ही में पशुपालन (Animal Husbandry) और डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) के लिये अंतर्राष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन कार्यक्रम (International Dairy Summit 2022) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु के अनुसार भारतीय पशुओं की सहशीलता का शानदान किस्सा सुनाया. यह किस्सा गुजरात के कच्छ जिले की बन्नी भैंस (Banni Buffalo in Kutch Gujarat) से जुड़ा था. पीएम ने बताया कि भारतीय पशुओं की नस्लें (Top Buffalo Breeds in India) कितनी ज्यादा क्लाइमेट कंफर्टेबल होती है. खासकर कच्छ के रण की बन्नी भैंस ने खुद को रेगिस्तान की परिस्थितियों (Kutch, Gujarat) के अनुसार खुद ढाल लिया है. कच्छ में दिन के समय काफी ज्यादा तापमान रहता है, इसलिये रात के बन्नी भैंस 15 किलोमीटर दूर खुद चरवाहा बनकर जाती है.


पीएम मोदी ने गिनाई खूबियां
अंतर्राष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिये विदेशों से आये साथी यह जानकर हैरान रह जायेंगे कि बन्नी भैंस के साथ किसान या पशुपालन नहीं होते, बल्कि ये भैंस खुद अपनी चारागाह होती है. बता दें कि बन्नी भैंस की देखभाल में ज्यादा झंझट नहीं रहता. भैंस की ये नस्ल  कम पानी में ही अपना गुज-बसर कर लेती है.




बन्नी भैंस की खूबियां
जानकारी के लिये बता दें कि कच्छ के रण में दिन का तापमान काफी ज्यादा होता है,  जिसके कारण रात के समय तापमान कम होने पर बन्नी भैंस अपने चारे की तलाश में 15 से 17 किलोमीटर तक जाती हैं. 



  • इस बीच भैंस की निगरानी के लिये खास जरूरत नहीं होती, क्योंकि ये चारा खाकर अपने स्थान पर वापस लौट आती है. 

  • यह कच्छ रेगिस्तान में इस कदर घुलमिल जाती है कि इसके खोने या गलत स्थान पर पहुंचने के किस्से कम ही सुनाई पड़ते हैं. 

  • बन्नी भैंस में अधिक सर्दी और अधिक गर्म मौसम को बर्दाश्त करने की भी अद्भुत क्षमता होती है, जो घास खाकर भी जीवित रह सकती है.

  • सिर्फ जलवायु क्षमता ही नहीं, इसकी दूध उत्पादन क्षमता भी काफी अच्छी है, जिसके कारण गुजरात के पशुपालकों के बीच इसकी डिमांड बनी रहती है.

  • बता दें कि राज्यभर में बन्नी भैंस की कीमत 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक होती है, जो डेयरी फार्मिंग में चार चांद लगा सकती है.


भारतीय पशु नस्लों की सराहना
अंतर्राष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन (International Dairy Summit 2022 ) में पीएमम मोदी ने बन्नी भैंस (Banni Buffalo) के साथ-साथ भारत की दूसरी लोकप्रिय की गाय और भैंसों की लोकप्रिय प्रजातियों का भी उदाहरण दिया और बताया कि मुर्रा, मेहसाना, जाफराबादी, नीली रावी, पंडरपुरी जैसी भैंस की नस्लों (Top Buffalo Breeds in India)  को भी अलग-अलग तरीके से विकसित किया जा रहा है.


वहीं गाय की प्रजातियों (Top Cow Breeds in India)  में गिर गाय, साहिवाल, राठी, कांकरे, थारपारकर, हरियाणा जैसी नस्लें भी भारत के डेयरी सेक्टर (Dairy Farming in India) को बाकी से अलग बनाती हैं. ये पशु अच्छी दूध उत्पादन क्षमता (Milk Production in India)  के साथ-साथ जलवायु के अनुरूप भी खुद को ढाल लेते हैं.


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