Himalayan Fig Bedu Cultivation in India: पहाड़ी अंजीर बेडू के फायदों (Himalayan Fig Bedu) को दुनिया तक पहुंचाने के लिये कुमाऊंनी लोक गीत भी बनाये गये हैं. हिमालय की गोद में सालभर पैदा होने वाला ये फल आजकल पिथौरागढ़ के किसानों (Bedu Cultivation) की आमदनी का बेहतरीन जरिया बना हुआ है. इतना ही नहीं, पिछले दिनों पिथौरागढ़ के जिला प्रशासन ने बेडू से जुड़े कुछ प्रसंस्करित उत्पाद (Processed Food of Bedu) भी बाजार में उतारे है, जिन्हें खूब पंसद किया जा रहा है.
बेडू को एक नये अवतार में दुनिया तक पहुंचाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिथौरागढ़ के किसान और जिला प्रसाशन के प्रसायों की काफी सरहाना की है.
मन की बात में बेडू का जिक्र
28 अगस्त 2022, रविवार को 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में पिथौरागढ़ के किसानों के लिये कुछ खास था. इस एपिसोड में हिमालयी फिग यानी पहाड़ी अंजीर के जरिये पिथौरागढ़ के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये जिला प्रशासन के प्रयासों को खूब सरहाना मिली. मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि इस औषधीय फल में खनिज और विटामिन का भंडार है, जिसका सेवन फल के रूप में और बीमारियों के उपचार के लिये किया जाता है. बेडू कोई सीजनल फल नहीं है, बल्कि इसमें साल भर फलत होती है.
बेडू की ब्रांडिग से मुनाफा
पिथौरागढ़ के किसानों को आय को दोगुना करने के लिये पहाड़ी अंजीर बेडू के जूस, जैम, चटनी, अचार समेत फल सुखाकर ड्राई फ्रूट तक तैयार किये गये है, जिन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजारों में खूब पसंद किया जा रहा है. पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल के कारण बेडू से बने उत्पादों को सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में खूब सराहना मिल रही है.
बेडू से आमदनी
बता दें कि बेडू से प्रसंस्करित उत्पाद बनाने के लिये पिथौरागढ़ के करीब 75 किसानों से 40 रुपये प्रति किलो की दर से इस औषधीय फल की 525 किलो मात्रा खरीदी गई. इसके बाद 525 किलो बेडू से 410 किलो चटनी, 360 किलो जैम और 75 लीटर जूस बनाकर तैयार किया गया. इन उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और लेवलिंग करके अब पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग के अलावा ऑनलाइन बाजारों में भी बेचा जा रहा है. इस प्रकार किसानों के लिये आय का सृजन करते हुये जनता तक इस औषधीय फल (Herbal Fruit Bedu) को पहुंचाया जा रहा है.
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