Global Shree Anna Sammelan: कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. किसानों की आर्थिक दशा मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं. किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के जरिए खेती की लागत को कम करने की भी कोशिश कर रही हैं. श्री अन्न-मोटा अनाज को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. भारत के प्रस्ताव पर साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया गया है. हाल ही में वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी खुशखबरी सुनाई.
मिलेट मिशन से बढ़ेगी किसानों की इनकम
वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि मिलेट्स को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम के तहत चिन्हित किया जा चुका है. अब मिलेट की बिक्री 30 फीसदी तक बढ़ गई है. इसके प्रोत्साहन के लिए देशभर में मिलेट कैफे नजर आ रहे हैं.
वैश्विक मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि श्रीअन्न लगभग हर तरह की समस्या का समाधान कर रहे हैं. इन्हें उगाना बेहद आसान है, क्योंकि मिलेट उगाने में ज्यादा खर्च नहीं होता और ये बाकी फसलों से जल्दी पककर तैयार भी हो जाते हैं.
इनकी कटाई-छंटाई और भंडारण पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. ये एक कम लागत वाली फसल है, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
सेहत के लिए फायदेमंद श्री अन्न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि श्री अन्न कैमिकलमुक्त खेती का आधार तो है ही, ये जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मददगार है. मोटा अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ खान-पान संबंधी आदतों को भी सुधार सकता है.
वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में बताया कि मिलेट्स (श्री अन्न) आधारित उत्पादों के सेवन से मानव शरीर को लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति हो जाती है. इससे पोषण की कमी को दूर किया जा सकता है
2.5 करोड़ किसानों को श्री अन्न से डायरेक्ट लाभ
वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि भारत में श्री अन्न उगाने वाले किसानों में ज्यादातर आबादी छोटे किसानों की है और देश में मोटा अनाज की पैदावार से सीधा 2.5 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं. भारत भी श्री अन्न को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है.
अच्छी बात यह है कि मोटा अनाज को प्रतिकूल जलवायु परिस्थिति और कैमिकल फर्टिलाइजर-कीटनाशकों के बिना आसानी से उगा सकते हैं. इसका फायदा उन 2.5 करोड़ छोटे किसानों को होगा, जो मिलेट मिशन से जुड़े हुए हैं.
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