Pomegranate Farming: देश में अनार उत्पादन में कर्नाटक तीसरे स्थान पर, जानिए पहले, दूसरे पायदान पर कौन है?
देश के 4 राज्यों में अनार की खेती की जाती है. सबसे ज्यादा अनार उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. इसके बाद अन्य राज्य आते हैं. इन राज्यों में किसान अनार की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
Pomegranate Farming In Maharashtra : बाढ़, बारिश, सूखा जैसी आपदा, कीट रोग फसल को नुकसान न पहुंचाए तो देश में खेती कर किसान सालाना अच्छी कमाई कर लेते हैं. गेहूं, धान, सरसों, आलू जैसी पारंपरिक खेती को करना पसंद करते हैं. विशेषज्ञों की राय है कि किसान पारंपरिक खेती से हटकर भी काम कर कुछ नया कर सकते हैं. अनार की खेती भी मुनाफे की खेती है. किसान उन्नत तकनीक और बेहतर सूझबूझ से इसकी खेती करें तो अच्छी कमाई कर सकते हैं. आज हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि देश में किन राज्यों में अनार का उत्पादन होता है.
4 राज्यों में 95 प्रतिशत होती है अनार की खेती
अनार एवरग्रीन फल है. हर मौसम में इसके खाने वाले मौजूद होते हैं. इसके पीछे वजह भी है. इसमें भरपूर आयरन, विटामिन, पफाइबर, पोटेशियम, जिंक पाया जाता है. डॉक्टर भी बीमार और स्वस्थ्य सभी लोगों को अनार खाने के लिए रिकमंड करते हैं. अनार उत्पादन की बात करें तो देश के 4 राज्यों में ही अनार का 95 प्रतिशत तक उत्पादन हो जाता है. किस राज्य में कितना अधिक प्रॉडक्शन होता है, ये जानने की कोशिश करते हैं.
अकेले महाराष्ट्र में 54 प्रतिशत उत्पादन
देश में सबसे ज्यादा अनार उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. अनार उत्पादन के मामले में यह टॉप पर है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में अनार का उत्पादन 54.85 प्रतिशत तक होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अनार को अच्छे से पनपने के लिए जो एनवायरमेंट, मिटटी चाहिए. वह महाराष्ट्र में मौजूद है. किसान भी इसकी उपज कर अच्छी कमाई कर लेते हैं.
गूजरात दूसरे, कर्नाटक तीसरे स्थान पर
आंकड़ों के अनुसार, अनार उत्पादन में जहां पहले स्थान पर महाराष्ट्र है. वहीं दूसरे नंबर पर गुजरात है. यहां देश का कुल उत्पादन 21.28 प्रतिशत होता है. इसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है. यहां 9.51 प्रतिशत अनार होता है. वहीं, आंध्र प्रदेश में भी अनार का उत्पादन किया जाता है. यहां 8.82 प्रतिशत अनार होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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