Pomegranate Cultivation: अभी तक अनार को एक खून बढ़ाने वाला फल ही मानते थे, लेकिन अब ये किसानों का आमदनी को दोगुना करने के लिए भी तैयार है. एक्सपर्ट्स ने अनार की ऐसा किस्म खोज ली है, जिसके एक ही पौधे से 25,000 रुपये तक की आमदनी ले सकते हैं. इस वैरायटी का एक किलो फल ऑनलाइन बाजार में 1,000 रुपये का बिक रहा है. हम बात कर रहे हैं फुले भगवा वैरायटी के अनार की, जो पकने के बाद भगवा रंग का हो जाता है. देश के कई इलाकों में इसकी व्यावसायिक खेती चल रही है. कई किसान को सीधा अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइट्स से फुले भगवा अनार को बेच रहे हैं. इस आर्टिकल में बताएंगे इस अनार की खूबियां और खेती करने के तरीकों के बारे में.
फुले भगवा अनार
अलग-अलग जगहों पर फुले भगवा अनार के अलग-अलग नाम है. इनमें से शेंदरी, अष्टगंधा, मस्तानी, जय महाराष्ट्र और रेड डायना ज्यादा फेमस हैं. 250 ग्राम वजनी फुले भगवा अनार की कीमत 800 से 100 रुपये किलो आंकी जाती है. ज्यादातर किसानों को इसकी व्यावसायिक खेती करने की सलाह दी जाती है. बड़ा आकार, भगवा और चमकदार फुले भगवा किस्म 180 से 190 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसके एक ही पेड़ से 30 से 32 फलों का प्रोडक्शन ले सकते हैं. इस तरह हर सीजन में एक ही पेड़ से 25,000 रुपये तक कमा सकते हैं. अकसर व्यापारी दागदार अनार खरीदने से झिझकते हैं, लेकिन इस किस्म की सबसे खास बात यही है कि तुड़ाई के 15 से 25 दिनों तक फलों पर कोई धब्बा नहीं पड़ता.
कहां करें खेती
अनाज की फुले भगवा वैरायटी कोई न्यू लॉन्च नहीं है. इस साल 2003-04 में रिलीज किया गया था. आज करीब 20 साल बाद कर्नाटक से लेकर गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. अकेले महाराष्ट्र में फुले भगवा किस्म ने 86.1% रकबा कवर किया हुआ है. यहां सोलापुर, नासिक, सांगली, सतारा, अहमदनगर, पुणे और धुले में बड़े पैमाने पर किसान फुले भगवा की खेती कर रहे हैं. दरअसल, महाराष्ट्र के ज्यादातर इलाकों में इस किस्म के लिए सही मिट्टी और जलवायु मौजूद है. खुद महाराष्ट्र के राहुरी स्थित महात्मा फुले एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इस वैरायटी को प्रमोट कर रही है.
उत्पादन के साथ बढ़ गया भगवा अनार का निर्यात
साल 2003-04 के बाद से ही फुले भगवा किस्म से सभी इलाकों में काफी अच्छा उत्पादन दिया है.आकंड़ों की मानें तो इसका रकबा 123%, उत्पादन 280% और क्वालिटी 70% और निर्यात में 380% ग्रोथ देखी गई है.
- अनार की सबसे अच्छी किस्म गणेश वेरायटी की तुलना में फुले भगवा अनार से 2-3 गुना ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं.
- इस वैरायटी के अनार की यूके, हॉलेंड जैसे यूरोपीय देशों के साथ-साथ खाड़ी देशों में भी काफी डिमांड रहती है.
- फुले भगवा अनार को प्रोसेसिंग और ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से भी काफी अच्छा मानते हैं, क्योंकि इसका सख्त परत के चलते फल की क्वालिटी सही रहती है.
- यह कीट प्रतिरोधी प्रजाति है, जिसकी खेती करने पर कीटनाशकों की लागत भी बचाई जा सकती है.
- फुले भगवा अनार के पेड़ों से फलों के टूटकर गिरने का खतरा कम ही होता है और अगर सही देखभाल की जाए तो हर सीजन में एक ही पेड़ से 40 किलोग्राम तक फल उत्पादन ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.