Post Harvest Management Technique for Agri Export: देश-विदेश में निर्यात किये जाने वाले फल, सब्जी, अनाजों (Agriculture Export) की खेप को स्टोर करना अपने आप में बड़ी चुनौती का काम है. ये समस्या उन कृषि उत्पादों के साथ आती है, जिनका ज्यादा समय तक भंडारण (Agriculture Storage) नहीं कर सकते. ऐसे में कटाई या तुड़ाई के बाद कुछ ही दिनों में फलों का निर्यात करना मजबूरी हो जाती है. कभी-कभी जल्दी निर्यात किये गये फल-सब्जियां भी रास्ते में ही सड़ने लगते हैं, जिससे उत्पादकों को काफी नुकसान होता है. इसी समस्या के समाधान के लिये अब भारत के कृषि उत्पादों को जल मार्ग यानी समुद्र के रास्ते विदेशों में निर्यात (Agriculture Export Through Water) किया जायेगा.
पानी के रास्ते निर्यात के फायदे (Advantages of Exporting by Water)
समुद्र के रास्ते कृषि उत्पाद निर्यात करने पर इसमें नुकसान की संभावना नहीं होती. इस प्रक्रिया में रेडिएशियन विधि का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कृषि उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है. इसकी मदद से अनाज, दाल, फल और सब्जियां एक दम सुरक्षित रहते हैं, इनमें गलन, सड़न, कीड़े, बीमारियां, फफूंडी और अंकुरण की समस्या नहीं रहती. इतना ही नहीं, मंजिल तक पहुंचाने पर कृषि उत्पादों को 7-8 महीने तक इसे 15 डिग्री तापमान पर भी रखा जा सकते हैं.
अमेरिका में हुआ आम का निर्यात (Mango Exports to America)
रेडिएशन विधि के फायदे उस समय सामने आये जब भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Center- बार्क) ने समुद्र के रास्ते 16 टन आम अमेरिका को निर्यात किये. वैज्ञानिकों के मुताबिक, रेडिएशन विधि से भंडारण और निर्यात किये गये आम 25 दिन बाद अमेरिका पहुंचे. ये आम की केसर किस्म थी, जो अपनी मंजिल तक एक दम सुरक्षित रूप से पहुंचकर बिक गये.
- इस परीक्षण के बाद ना सिर्फ कृषि उत्पादों को भंडार करने की समस्या खत्म हुई, बल्कि निर्यात करने के लिये समुद्र का विकल्प भी मिल गया.
- बता दें कि दूसरे देशों में ज्यादातर कृषि उत्पादों का निर्यात हवाई रास्ते से होता है, ताकि बिना खराब हुये अच्छी क्वालिटी के फल, सब्जी और अनाज समय रहते गंतव्य तक पहुंच जायें.
- वैज्ञानिकों के इस प्रयोग के बाद अब अमेरिका में आम के साथ-साथ अनार, प्याज और आलू समेत कई फलों और सब्जी और अनाजों को निर्यात करनी चिंतायें दूर हुई हैं.
- इस तकनीक से सीधा फायदा किसानों और मंडी व्यापारियों को होगा, जिन्हें कृषि उत्पाद निर्यात करने के लिये समय की कमी, अधिक खर्च और फसल के खराब होने का डर लगा रहता था.
फल सब्जी के साथ-साथ अनाज और मसालों को भी फायदा (All Agriculture Products Get Benefit of Radiation Method)
रेडिएशन विधि (Radiation Method) का प्रयोग करने पर फल और सब्जियों के साथ-साथ अनाजों भी सुरक्षित बने रहते हैं. खासकर बात करें गेहूं, दाल और मोटे अनाजों के बारे में, तो हल्की नमी से ही इनमें फफूंदी रोग लग जाते हैं, लेकिन रेडिएशन विधि का इस्तेमाल करके पानी के रास्ते निर्यात (Agriculture Export through Ocean)करने पर इन समस्याओं को रोका जा सकता है.
- रेडिएशन विधि से कृषि उत्पादों के लंबे भंडारण और रखरखाव में होने वाला खर्च भी 8 गुना तक कम हो सकता है.
- फिलहाल भारत में रेडिएशन केंद्रों (Radiation Center) की कमी है, लेकिन भविष्य में जल्द ही इससे किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा और वे कम खर्च में अपनी फसलों का कटाई उपरांत प्रबंधन (Post Harvest Management) कर सकेंगे.
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