Potato Harvesting Time: आलू एक सदाबहार सब्जी है, जो हमारी डाइट में हमेशा शामिल रहती है, लेकिन इसकी खेती सर्दियों में ही की जाती है. भारत में रबी सीजन के दौरान आलू की खेती की जाती है. कई किसान आलू की खेती से अतिरिक्त आमदनी कमाने के लिए गेहूं की खेती भी करते हैं. आलू की बुवाई दो बार की जाती है. एक अगेती खेती और एक पछेती खेती. अगेती खेती में आलू की बुवाई 15 अक्टूबर तक कर दी जाती है. किसानों से लेकर कई लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर आलू कितने समय में पककर एक दम तैयार हो जाता है?
आपको बता दें कि आलू की कई वैरायटी होती है, जिनकी अलग-अलग क्वालिटी, अलग उत्पादन और पकने का समय भी अलग होता है. इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि आलू की बुवाई से लेकर इसे पूरी तरह से तैयार होने में कितना समय लगता है और कौन-सी वैरायटी कब पककर हार्वेस्टिंग के लिए तैयार होती है.
आलू के पकने का समय
एक्सपर्ट्स की मानें तो आलू को पकने में 60 से 90 दिन का आइडियल टाइम लगता है, लेकिन आलू की कुछ वैरायटी ऐसी भी हैं, जो 130 दिनों में हार्वेस्टिंग के लिए रेडी हो जाती है. इनमें ये ज्यादातर उन्नतशील किस्में हैं, जिन्हें केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने विकसित किया है. इन सभी वैरायटी के नाम, पकने या हार्वेस्टिंग का समय और उत्पादन बताया गया है.
आलू की खेती (किस्म, समय, उत्पादन) |
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आलू की वैरायटी (ICAR-CPRI) |
पकने का समय (बुवाई के बाद) |
उत्पादन (प्रति हेक्टेयर) |
कुफरी अलंकार |
70 दिन |
200-250 क्विंटल |
कुफरी चंद्र मुखी |
80-90 दिन |
200-250 क्विंटल |
कुफरी नवताल |
75-85 दिन |
200-250 क्विंटल |
कुफरी बहार |
90-100 दिन |
200 क्विंटल/औसत |
कुफरी शील मान |
100-130 दिन |
250 क्विंटल/औसत |
कुफरी जवाहर |
90 दिन |
100-150 क्विंटल |
कुफरी अशोक |
75-85 दिन |
250- 300 क्विंटल |
कुफरी सूर्या |
75-90 दिन |
300 क्विंटल/औसत |
कुफरी ज्योति |
80- 150 दिन |
150-250 क्विंटल |
कुफरी सिंदूरी |
120-125 दिन |
300- 400 क्विंटल |
कुफरी बादशाह |
100-130 दिन |
250-275 क्विंटल |
कुफरी देवा |
120-125 दिन |
300- 400 क्विंटल |
कुफरी लालिमा |
90-100 दिन |
200 क्विंटल/औसत |
कुफरी लवकर |
100-120 दिन |
300-400 क्विंटल |
कुफरी स्वर्ण |
110 दिन |
300 क्विंटल |
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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