ज्यादातर देखने को मिलता है कि पोल्ट्री फार्म अंडों और चिकन के लिए खोले जाते हैं. हर एक पोल्ट्री फार्म सोचता है कि उसे पोल्ट्री के कारोबार से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो, ताकि अधिक धन आ सके. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो कारोबार अंडों का किया जाए या फिर चिकन का दोनों में ही मुनाफा देने वाले हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखना है कि चूजे से लेकर मुर्गियों तक की देखभाल वैज्ञानिक विधि और खानपान विशेषज्ञों के बताए अनुसार होना चाहिए. अगर एक पोल्ट्री फार्म में इन बातों का ध्यान रखते हुए चूजों से ही अपनाना कारोबार शुरू कर दिए तो फिर फार्म की लागत कम हो जाएगी और मुनाफा अधिक होगा.


पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो पोल्ट्री फार्म की सबसे ज्यादा लागत फीड यानि दाना और दवाइयों पर आती है. अगर फार्म की देखभाल अच्छे होती है तो बायो सिक्योरिटी का पालन किया जाएगा. इससे दवाइयों की कम जरूरत होनी. इन बातों को ध्यान रखने से चूजेमुर्गी हेल्दी होंगे और दाने की लागत भी कम हो जाएगी.  

इन बातों का ध्यान रखकर करें चूजों की देखभाल



  • पोल्ट्री फार्म में चूजे लाने से पहले कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव किया जाना चाहिए.

  • चूजों की एंट्री कराने से पहले फार्म की दीवारों पर दवाई का छिड़काव करना बहुत जरूर है.  

  • चूजे आने पर ब्रूडर के चारों ओर चिक गार्ड लगा देना चाहिए.  

  • चूजे आठदस दिन के हो जाएं तो चिक गार्ड हटा देना चाहिए.  

  • ब्रूडर के पास से चिक गार्ड हटाने पर चूजों को घूमने के लिए जगह बन जाती है.

  • चूजों के आने से 12 घंटे पहले ब्रूडर की मदद से फार्म में गर्मी पैदा कर देनी चाहिए.  

  • फार्म में गर्मी पैदा करने के लिए ब्रूडर में लालटेन या बिजली के बल्ब की सहायता ले सकते हैं.  

  • चूजों को खरीदते वक्त ध्यान रखें कि उनको जन्मात कोई बीमारी ना हो. विश्वसनीय हैचरी से ही चूजे खरीदें.

  • ब्रूडर में ज्यादा गर्मी हो तो थोड़ी कम कर देनी चाहिए.

  • ब्रूडर में चूजे एक स्थान पर जमा हो रहे हैं तो समझ जाएं कि गर्मी कम है.  


मुर्गी बनने तक चूजों के फीड का इस प्रकार रखें ख्याल



  • चूजे छोड़ने के बाद बारीक दलिया कागज बिछा कर उस पर डाल देना चाहिए.

  • पन्द्रह दिन की उम्र होने पर चूजों को छोटी ग्रिट खि‍लानी चाहिए.

  • मुर्गी पालन में 70 प्रतिशत खर्चा दाने का होता है.  

  • मुर्गियों को हमेशा ताजा, शुद्ध संतुलित आहार ही देना चाहिए.

  • चूजों की उम्र के आधार पर बाजार से फीड खरीदकर खि‍लाया जाता है.

  • दाना हमेशा सूखी जगह पर रखना चाहिए, नमी वाली जगह पर दाने में फफूंद लगने का डर रहता है.

  • फफूंद लगा दाना खाने से मुर्गियों में कई प्रकार की बीमारी होने का खतरा रहता है.

  • मुर्गियों के फीड को ज्यादा दिन तक स्टोरेज करके नहीं रखना चाहिए.

  • चूजे के फीड की शुरुआत स्टर्टर और ग्रोअर फीड से करनी चाहिए.  

  • उम्र के हिसाब से मुर्गियों को मिनरल्स और विटामिन्स की आवश्यकता होती है.

  • एक चूजे को मुर्गी बनने के लिए करीब 13 किलो दाने की आवश्यकता होती है.

  • एक मुर्गी दिनभर में करीब 100120 ग्राम दाना खा जाती है.



ये भी पढ़ें- ये किसान ले सकते हैं पीएम फसल बीमा योजना का फायदा, इस तरह आसानी से कर सकते हैं अप्लाई