Top Desi Varieties of Chickens: देश में अंडा और मांस की खपत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जिसे पूरा करने के लिए अब किसान खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन (Poultry Farming) की करने लगे हैं. भारत में पोल्ट्री फार्मिंग के जरिये देश के साथ-साथ विदेश की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है. हमारे वैज्ञानिक भी मुर्गी पालन को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए मुर्गियों की नई प्रजातियां विकसित कर रहे हैं. इन्हीं में शामिल है कैरी निर्भीक, कैरी श्यामा, उपकारी और हितकारी मुर्गियां.


मुर्गियों के इन प्रजातियों को केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर (बरेली) में तैयार किया गया है. इन प्रजातियों से साल में 200 से भी ज्यादा अंडे (Egg Farming) और पौष्टिक मांस का उत्पादन मिल जाता है. इन मुर्गियों के साथ बड़े स्तर पर पोल्ट्री फार्मिंग करने के लिए सरकार भी उचित दरों पर आर्थिक अनुदान देती है.


कैरी निर्भीक मुर्गी
भारत वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कैरी निर्भीक एक देसी नस्ल की मुर्गी है, जिसका मांस प्रोटीन के गुणों से भरपूर होता है. यह मुर्गी बेहद ही एक्टिव, आकार में बड़ी, शक्तिशाली, तेजतर्रार, स्वभाव से लड़ाकू और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली होती है. लगभग 20 सप्ताह के अंदर ही इसके चूजों का वजन 1847 ग्राम तक हो जाता है, जिनसे हर साल 198 से 200 अंडों का उत्पादन ले सकते हैं. किसान चाहें तो कैरी निर्भीक मुर्गी का पोल्ट्री फार्म शुरू करके कम खर्च में अच्छा पैसा कमा सकते हैं.


कैरी श्यामा मुर्गी 
इस मुर्गी के मांस में वसा और रेशा कम होता है, इसीलिए बाजार में इसकी काफी डिमांड रहती है. प्रोटीन के गुणों से भरपूर यह मुर्गी आदिवासी इलाकों में ज्यादा मशहूर है. यह प्रजाति भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कड़कनाथ और कैरी रेड के संस्करण से तैयार की गई है, जो साल में 210 अंडों का उत्पादन दे सकती है.


हितकारी मुर्गी 
भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित हितकारी मुर्गी को नेकेड ने और कैरी रेड के संस्करण से तैयार किया गया है. इस मुर्गी के गर्दन पर बाल नहीं होते और यह मुर्गी आंतरिक गर्मी को भी आराम से निकाल लेती है, इसीलिए बाजार में इसके मांस की काफी अच्छी डिमांड रहती है. हितकारी मुर्गी से साल भर में 200 अंडों का उत्पादन ले सकते हैं. बता दें कि भर गर्मी में भी हितकारी मुर्गी के अंडों का छिलका मोटा नहीं होता. एक तरफ गर्मी के मौसम में मुर्गियों की मृत्यु दर बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में एक कार्य मुर्गी मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ अंडों का बंपर उत्पादन देती रहती है.


उपकारी मुर्गी 
बहुरंगी बनावट और मध्यम आकार वाली उपकारी मुर्गी को भारतीय नस्ल की देसी (Desi Murgi Palan) मुर्गी कैरी रेट के संस्करण से तैयार किया गया है. यह मुर्गी शुष्क इलाकों में पाली जाती है. जानकारी के लिये बता दें कि सिर्फ 20 सप्ताह के अंदर उपकारी मुर्गी (Upkari Chicken) के चूजों का वजन 1688 ग्राम हो जाता है, जिससे साल में 200 अंडे (Egg Farming)और बढ़िया-पौष्टिक मांस का उत्पादन ले सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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