PMGKAY: क्या नए साल में गरीबों को मुफ्त अनाज नहीं मिलेगा? केंद्र सरकार इस प्लान पर कर रही है काम
देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना संचालित हैं. लेकिन देश में अनाज भंडारण की स्थिति को देखते हुए नए साल में इस योजना के संचालन पर संकट मंडरा गए हैं.
Government Scheme: देश में 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना वर्ष 2020 से ही चल रही हैं. बजट और अनाज भंडारण की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार इसे दो से तीन महीने के टेन्योर पर बढ़ा देती है. सितंबर 2022 में यह योजना खत्म होने वाली थी. लेकिन देश के गरीबों की स्थिति को देखते हुए इस योजना को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया था. अब दिसंबर ही चल रहा है. इस महीने की आखिरी तारीख को यह योजना खत्म होने जा रही है. लेकिन अभी तक इसको लेकर अधिकारिक बयान नहीं सामने आया है. हालांकि योजना को लेकर जो मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं. उनसे गरीबों को झटका लग सकता है.
तो बंद हो सकती है मुफ्त राशन स्कीम?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार पास अनाज वितरण के लिए सीमित स्टॉक है. इसके अलावा खुले बाजार में गेहूं को महंगा होता देख सरकार बाजार में गेहूं की खपत बढ़ा सकती है. चूंकि गेहूं महंगा होने पर देश का हर वर्ग प्रभावित होगा. इससे सरकार की चिंता बढ़ेगी. ऐसे मेें केेंद्र सरकार की पहली कोशिश होगी कि मार्केट में गेहूं की खपत बढ़ा महंगाइ्र पर नकेल कसी जाए. इन्हीं वजहों से जानकार अंदेशा जा रहा है कि केंद्र सरकार योजना को आगे बढ़ाने से हाथ खींच सकती हैं. हालंाकि योजना को लेकर केंद्र सरकार का अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सभी की नजरें केंद्र सरकार के कदम उठाने पर हैं.
बाजार में बढ़ गया गेहूं का रेट
गेहूं के दाम बढ़ने की खबरें तेजी से सामने आ रही हैं. गेहूं का सीधा असर आटे पर पड़ रहा है. इसी कारण कुछ जगहों पर आटें की कीमतें भी बढ़ी हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खुले बाजार में गेहूं का भाव 13 प्रतिशत तक बढ़ गया है. करीब 2600 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला गेहूं 3000 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गया है.
बाजार में आ सकता है 30 लाख टन गेहूं
गेहूं के महंगे होने का असर सीधे तौर पर आटे पर पड़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार की कोशिश है कि आटे के दामों की कीमतों को हर हाल में कम किया जाए. सरकार पर दबाव है कि कीमतें नियंत्रित तभी हो सकती हैं. जब डिमांड और सप्लाई के आंकड़े को संतुलित किया जाए यानि केंद्र सरकार खुले बाजार में गेहूं बेचे तो लोगों की पूर्ति हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 30 लाख टन के आसपास गेहूं खुले बाजार में बेचा जा सकता है.
क्या है योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना(PMGKAY) के तहत केेंद्र सरकार राशन कार्ड धारक गरीब परिवार को 5 किलोग्राम हर महीने फ्री राशन देती है. कोविड कॉल में शुरू की गई इस योजना का मकसद था कि लॉकडाउन के पीरियड में गरीब परिवारों की परेशानी कम करने के लिए देश की 80 करोड़ आबादी को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत इस योजना से कवर किया गया. योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी के साथ 1,118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित कर दिया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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