Government Scheme In Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना संचालित है. राज्य सरकार योजना की मदद से प्रदेश में कीटनाशक और कैमिकल फर्टिलाइजर के प्रयोग को जीरो पर ला रही है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कृषि सचिव राकेश कंवर ने योजना की समीक्षा की. समीक्षा में सामने आया कि साल 2022-23 के लिए निर्धारित लक्ष्य का 83 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और शेष लक्ष्य भी जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना क्या है? सरकार इसको ग्राउंड लेवल पर उतारने के लिए क्या काम कर रही है? 


क्या है प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना?
योजना के तहत राज्य सरकार की कोशिश है कि खेती में कैमिकल फर्टिलाइजर और कीटनाशक के उपयोग को खत्म करना है. योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के 3226 में से 2934 पंचायतों के 72,193 किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसानों को फर्टिलाइजर और कीटनाशक के उपयोग के नुकसान के बारे में बताया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार के आर्थिक रूप से भी मदद भी उपलब्ध कराएगी. 


प्रदेश के 10 लाख किसान परिवारों को जोड़ा जाएगा
प्रदेश सरकार योजना के तहत 10 लाख किसानों को जोड़ेंगी. राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सरकार का प्रयास है कि कोई भी किसान प्रदेश में कैमिकल फर्टिलाइर और कीटनाशक का प्रयोग न करें. कैमिकल फर्टिलाइजर इस्तेमाल करने का नुकसान यह होता है कि जमीन की उर्वरक क्षमता क्षीण होती है. राज्य सरकार योजना के तहत प्रदेश के हर किसान को जोड़ेगी. फिलहाल दस लाख किसानों का इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. 


ये होगा फायदा
योजना के तहत किसानों को इसका लाभ मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि योजना से मृदा प्रदूषण में कमी आएगी. राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. इसके अलावा राज्य के किसानों को इनकम के अच्छे सोर्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे. 


क्या मदद दे रही सरकार?
योजना के तहत राज्य सरकार मवेशियों को शेड के लिए 80 प्रतिशत सहायत देगी. किसानों को प्लास्टिक ड्रम प्रदान करने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. प्रत्येक किसान को 3 प्लास्टिक ड्रम मुहैया कराए जाएंगे. भौतिक एवं जैविक कीट नियंत्रण के लिए 75 प्रतिशत सहायता प्रदान की जाएगी. गांव में प्राकृतिक संसाधन की दुकान खोलने पर राज्य सरकार 50 हजार रुपये तक की मदद करेगी. योजना के तहत जुड़ने वाले लोगों के लिए निश्चित मानदेय भी दिया जाएगा. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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