Madhya Pradesh Prakratik Krishi Vikas Yojana: भारत में कैमिकल मुक्त जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. इस काम के लिये केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसानों को लगातार जैविक खाद के साथ-साथ खेती में जीवामृत (Jeevamrit for Natural Farming)) का प्रयोग करने की हिदायत दी जा रही है.
मध्य प्रदेश में भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक कृषि विकास योजना (Natural Farming Scheme) की शुरुआत की गई है, जिसके तहत गाय पालने वाले किसानों और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती लिये सालाना 10,800 रुपये का अनुदान दिया जायेगा. इस योजना के तहत हर गांव के 5 लाभार्थी किसानों को गौ आधारित खेती करने की ट्रेनिंग भी दी जायेगी, जो खेती-किसानी के क्षेत्र में प्राकृतिक प्रेरक के रूप में काम करेंगे.
इस तरह होगा चयन
मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना के तहत राज्य के 52 जिलों के कुल 5200 गांव और 26,000 किसानों को शामिल किया जायेगा. इसमें हर जिले से 100-100 गांव और हर गांव से 5 -5 किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर की उपाधि दी जायेगी, जिसके बाद ये मास्टर ट्रेनर किसान अपने-अपने इलाकों में गाय पालन वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखा पायेंगे.
जहां प्राकृतिक खेती सिखाने के लिये मास्टर ट्रेनर किसानों को 1000 रुपये प्रति माह की फीस मिलेगी तो वहीं गाय पालने वाले किसान और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती के लिये 900 रुपये प्रति माह की दर से अनुदान भी दिया जायेगा.
गाय पालन के लिये सब्सिडी
मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि विकास योजना के तहत अप्रैल माह में ही गाय पालन के लिये अनुदान और किसानों और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती करने के लिये सब्सिडी देने का निर्णय लिया था. अब राज्य के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिये पोर्टल और मोबाइल भी तैयार किया जा रहा है. इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों को ट्रेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर बनाया जायेगा, ताकि वे दूसरे किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखा सके.
किसानों को मिलेगी फ्री ट्रेनिंग
बता दें कि प्राकृतिक खेती के लिये किसानों की ट्रेनिंग (Training for Natural Farming) पर 400 रुपये प्रति किसान का खर्चा आयेगा, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी. इतना ही नहीं, प्राकृतिक खेती किट खरीदने के लिये भी किसानों को 75 फीसदी तक सब्सिडी (Subsidy for Natural Farming) दी जायेगी, जिससे किसानों के ऊपर खेती का बोझ ना पड़े. यह ट्रेनिंग कार्यक्रम 'आत्मा' के परियोजना संचालक द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा. बता दें कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड (Natural Farming Development Board)का गठन भी हुआ है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Lotus Farming: कमल कंद की खेती से मिलेगा कमाल का मुनाफा, हर बंडल की बिक्री से होगी 50 हजार की कमाई