Animal Husbandry: पशुपालन (Animal Husbandry) के जरिये अच्छा मुनाफा कमाने के लिये पशुओं की बेहतर देखभाल (Animal Care) करना जरूरी है, जिसके लिये पशुओं को समय पर पौष्टिक आहार (Animal Fodder), साफ-सफाई से रखरखाव और चिकित्सकीय जांच (Animal Health Test) करवाना चाहिये. खासकर मानसून के मौसम में बकरियों की स्वास्थ्य को लेकर चिंता ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश में नमी के दौरान नया चारा निकलता है, जिस पर जमी काई बकरियों की सेहत खराब कर देती है. इससे बकरियों को पेट की समस्यायें (Stomach Problem) होने का खतरा भी बना रहता है. इसके अलावा बरसात में भीगने और सही चारा-पानी न मिल पाने के कारण भी बकरियों की सेहत बिगड़ जाती है, जिसके प्रति जागरूक (Awareness for Animal Health) रहना पशु पालकों की जिम्मेदारी है.



इन बातों का रखें खास ख्याल



  • बरसात में मौसम( Animal Care in Rain)  में बकरियों के लिये अलग पशु बाड़ा बनायें और बाड़े में नियमित रूप से साफ-सफाई भी करते रहें.

  • मानसून में धूप निकलने पर बकरियों को कुछ घंटे बाहर चराना चाहिये और इससे उन्हें साफ हवा मिलेगी.

  • बारिश के दौरान शाम के समय कीड़े-मकौड़ों का खतरा ज्यादा होता है, इसलिये दोपहर के बाद बकरियों को पशु बाड़े में ही रखें.

  • बकरियों को चराते समय घास के साथ काई भी पेट में चली जाती है, जिससे पेट में कीड़े हो जाते हैं.

  • इसके समाधान के लिये बकरियों को हर 3-4 महीने में पेट साफ करने की दवा देते रहें, इससे बकरियों की भूख बढेगी और सेहत भी बेहतर रहेगी.

  • मानसून से पहले बकरियों टीकाकरण (Goat Vaccination) जरूर करवायें और पशु चिकित्सक (Animal Doctor) की सलाह पर कृमि नाशक दवा भी दें.

  • बरसात के मौसम में बकरियों को हरे चारे (Green Feed) के साथ नीम पत्तियां (Neem Leafs) भी खिलायें, जिससे बकरियों की इम्यूनिटी बेहतर रहे. 

  • बकरियों का चारा, दाना और पानी साफ-सुथरे स्थान पर रखें और उन्हें साफ बर्तन में ही खिलायें.

  • बकरियों को खुरपका-मुंहपका (Foot and Mouth Disease) होने पर लाल दवा के 2% घोल से बकरी को मुंह और खुरों की सफाई करते रहें.

  • अगर बकरी बीमार हो जाये तो उसे तीन दिन तक हर्बल मसाला बोलस(Herbal Masala Bolus) जरूर खिलायें.



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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