Precautions in Marigold Farming: भारत में फूलों की खेती (Flower Cultivation) बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसे धार्मिंक अनुष्ठानों के अलावा कई प्रॉडक्ट्स हनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. खरीफ सीजन में ज्यादातर किसान फल-सब्जियों के मुकाबले फूलों की फसल लगाना ज्यादा पसंद करते हैं. खासकर बात करें गेंदा के फूल (Marigold Flower) की तो नवरात्रि से लेकर दीवाली तक इसकी मांग बाजार में बनी रहती है.
इसकी खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिये ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती. बस खुले आसमान के नीचे गेंदे के पौधों की रोपाई (Marigold Plantation) कर दी जाती है, जिससके बाद ये फूल छिटपुट बारिश और धूप के साये में ही फलत-फूलते है. इसके अलावा, समय-समय पर गेंदा की फसल में कुछ प्रबंधन कार्य (Crop Management in Marigold) करके इन फूलों की बंपर पैदावार ले सकते हैं.
इन राज्यों में खिलेंगे गेंदा
दुनियाभर में गेंदा की 50 प्रजातियां पाई जाती है, जिनमें से तीन प्रजातियों को व्यावसायिक खेती के नजरिये से उगाया जाता है. भारत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के खेत-खलिहान गेंदा के फूल से महकते रहते हैं.
गेंदा की उन्नत किस्में
गेंदा फूलों की खेती करके अच्छा उत्पादन कमाना चाहते हैं तो इसकी उन्नत किस्मों का ही चयन करें, ताकि फसल में ज्यादा देखभाल की जरूरत ना पड़े और इनसे अच्छा उत्पादन मिल जाये.
- वैसे तो गेंदा की फ्रांसीसी और अफ्रीकन किस्में काफी मशहूर है, लेकिन पूसा संस्थान द्वारा विकसित पूसा नारंगी, पूसा बसंती और पूसा अर्पिता जैसी संकर किस्में भी अच्छा मुनाफा देकर किसानों की
- झोलियां भर देती हैं. किसान चाहें तो गेंदा की अपोलो, फ्लाई मैक्स, फर्स्ट लेडी, गोल्ड लेडी, ग्रे लेडी और मून शॉट जैसी संकर किस्मों की खेती भी कर सकते हैं.
खेती से पहले कर लें ये काम
गेंदा फूल की खेती करने से पहले उन्नत किस्म के बीजों के जरिये इसकी नर्सरी तैयार करनी होती है और महीनेभर बाद में पौधों की खेतों में कर दी जाती है.
- किसान चाहें तो किसी प्रामणित नर्सरी से उन्नत किस्मों के पौधे खरीदकर भी खेतों में सीधे रोपाई कर सकते हैं.
- रोपाई से पहले खेतों की तैयारी करें और 8 से 10 टन गोबर की खाद और 250 किलो नीम लेपित यूरिया, 400 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और 85 किलो पोटाश डालकर मिट्टी को पोषण प्रदान करें.
गेंदा फसल की देखभाल
गेंदा के पौधों की रोपाई के बाद ही पूरी फसल में हल्की सिंचाई लगानी चाहिये. इसके बाद सर्दियों में 10 से 15 दिन के अंतराल पर गर्मियों में 7 से 10 दिन में सिंचाई की जाती है.
- पौधों की रोपाई के 30 से 35 दिन बाद ही गेंदा की फसल में पिंचिग की जाती है, जिससे अतिरिक्त शाखायें भी निकलने लगती है.
- इस तरह निराई-गुड़ाई और बाकी काम समय पर करते रहें तो पूरा खेत फूलों की चादर से ढक जाता है और सिर्फ 2 महीने अंदर फूलों की तुड़ाई भी कर सकते हैं.
गेंदा की से आमदनी
प्रति एकड़ खेत में गेंदा फूल की खेती (Marigold Farming) करने पर 30,000 रुपये का संयुक्त खर्चा आता है, जिससे हर सप्ताह करीब 1.5 क्विंटल तक फूलों का उत्पादन (Marigold Flower Production) ले सकते हैं.
- बाजार में गेंदा के फूल का भाव (Price of Marigold Flower) 80 से 100 रुपये प्रति किलो होता है, जो त्यौहारों तक 100 से 150 रुपये प्रति किलो के भाव भी बिकता है.
- इस प्रकार गेंदा की खेती (marigold Cultivation) करके मात्र 6 महीने के अंदर कम से कम से 3 लाख की आमदनी कमा सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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