(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Animal care in Summer: लू और तपती गर्मी में ऐसे रखें पशुओं का खास ख्याल, जानें बचाव के उपाय
Animal Care Tips: गर्मियां आते ही तपती धूप में पशुओं को लू लगने के समस्या भी घेर लेती है. ऐसे में पहले से ही सावधानियां बरत के समस्याओं को पनपने से रोका जा सकता है
Animal Care Tips for Summer Season: भारत में पशुपालन के तहत बडे स्तर पर दुधारु पशुओं को पाला जाता है. इनमें सबसे ज्यादा गाय, भैंस, बकरी और ऊंट की तादात शामिल है. जाहिर है कि पशुपालन बेहद जिम्मेदारी वाला काम है, जिसमें समय पर पशुओं की साफ-सफाई, चारा देना, पानी देना, दुहाना और घुमाना शामिल है. लेकिन गर्मियां आते ही तपती धूप में पशुओं को लू लगने के समस्या भी घेर लेती है. हालांकि पहले से ही सावधानियां बरत के बीमारियों को पनपने से रोका जा सकता है. लेकिन फिर भी परेशानी बढ़ जाये तो समय रहते इनकी पहचान करके पशुओं को बीमार होने से बचाया जा सकता है.
पशुओं में लू के लक्षण
जाहिर है कि देश में तपती धूप में कभी-कभी पारा 45 डिग्री तक चला जाता है. ऊपर से गर्म हवाओं से पशुओं को पानी की कमी और हीट-स्ट्रोक हो सकता है. अगर समय से सावधानियां बरती जाये तो बीमरियों की संभावना कम हो जाती है. लेकिन फिर भी पशु गर्मी के चलते बीमार हो जाते हैं तो इन लक्षणों से पहचान कर सकते हैं-
- पशु को तेज बुखार और बेचैनी होना
- ठीक से आहार न लेना
- तेज बुखार में हाँफना
- नाक और मुंह से लार का बहना
- आंखों का लाल होना और आँसू बहना
- तेज सांस लेना और लड़खड़ाकर के गिरना
- सुस्ती और खाना-पानी बंद कर देना
सुरक्षा के उपाय
जानकारी के लिये बता दें कि पशुओं पर भी इंसानों की तरह ही मौसम का असर पड़ता है. इसलिये जरूरी है कि इंसानों की तरह पशुओं की भी ठीक प्रकार से देखभाल की जाये, जिससे पशु और उनके नौनिहाल दोनों स्वस्थ रहें, ये हैं उपाय:-
- पशुओं को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बंद तबेले में रखें और तबेले के दरवाजे को बोरी ढंक दें,
- तबेले में गर्मी को नियंत्रित करने के लिये दरवाजे वाली बोरी को पानी भिगोयें, जिससे तबेले में ठंडक बनी रहे.
- पशुओं को समय-समय पर ठंडा और साफ पानी पिलाते रहें, इसे पशु हीट स्ट्रॉक से बचे रहेंगे
- अपने पशुओं को नरम आहार और हरा चारा खिलायें. उन्हें बासी भोजन ने खिलायें, इससे पशुओं को कब्ज हो सकती है.
- सुबह होते ही पशुओं को तबेले से निकालकर तबेले और पशु दोनों की साफ-सफाई करें.
- पशु के साथ-साथ उनके नौनिहालों यानी उनके बच्चों की भी देखभाल करें
- पशु की हालत असामान्य दिखने पर पशु चिकित्सक को दिखायें
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