(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sugarcane Farming: जुर्म की दुनिया से कोसों दूर अब जेल में गन्ना उगा रहे किसान, 2 एकड़ जमीन से मिली कमाल की पैदावार
Sugarcane Cultivation: तमिलनाडु के त्रिची जेल में कैदियों ने 2 एकड़ जमीन पर गन्ना उगाया है. ये 15 रुपये प्रति गन्ना के हिसाब बिकने के लिए तैयार है, जिसका लाभ इन कैदियों में ही बांट दिया जाएगा.
Farming in Jail: देश के अलग-अलग इलाकों में युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है. इस मिशन से अब जेल के कैदी भी जुड़ते जा रहे हैं. इन दिनों देश की अलग-अलग जेलों में बंद खूंखार कैदी भी अब जुर्म की दुनिया को पीछे छोड़कर खेती-किसानी में अपना मन लगा रहे हैं. इस काम में जेल प्रशासन खुद कैदियों की मदद करता है. खेती करने से कैदियों को सकारात्मकता की तरफ ले जाने और आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिल ही रही है. पिछले दिनों मैनपुरी जेल के कैदियों ने सीजनल सब्जियों का बंपर उत्पादन लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. अब तमिलनाडु की त्रिची जेल मे भी कैदियों ने गन्ने का जबरदस्त उत्पादन लिया है.
जेल बाजार के आउटलेड में बिकेगा गन्ना
तमिलनाडु के त्रिची स्थित केंद्रीय कारागार में कैदियों ने 2 एकड़ जमीन पर उन्नत क्वालिटी का गन्ना उगाया है. करीब 20 कैदियों के संयुक्त प्रयासों से गन्ना की अच्छी पैदावार मिली है, जिसे अब जेल बाजार के आउटलेट में बेचा जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कारागार त्रिची में गन्ना की सेनकर्मबु किस्म उगाई गई है, जो पककर कटाई के लिए तैयार हो गई है. इस गन्ना को आस-पास की मंडियों में और त्रिची-पुडुकोट्टई राष्ट्रीय राजमार्ग पर जेल के प्रवेश द्वार पर ही बेचा जाएगा. इस गन्ने की बिक्री से जो आमदनी होगी, उसके लाभ को भी जेल के उन कैदियों में बांटा जाएगा, जिन्होंने गन्ना उगाने की मेहनत की है.
Trichy, Tamil Nadu| Prisoners cultivated sugarcane in our prison farmland. We have harvested sugarcane & selling it at rate of Rs 15 per sugarcane through our Prison Bazar Outlet.This initiative is helping prisoners to reintegrate into society: K. Jeyabarathi, DIG Prisons, Trichy pic.twitter.com/uvrlTIYd0v
— ANI (@ANI) January 14, 2023
जेल प्रशासन से मिली सराहना
जेल की डीआईजी जया भारती ने बताया कि हमारे कैदियों ने जो गन्ना उगाया है वो बहुत ही अच्छी क्वालिटी का है और ये बाजार में 15 रुपये का एक गन्ना के हिसाब से बिक रहा है. उन्होंने बताया कि इस गन्ना को खरीदने के लिए जनता ने भी रुचि दिखाई है.
सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस काम से जेल के कैदियों का समय अच्छा गुजरता है और वे बेहद मन से इस काम को करते हैं. इस तरह कैदियों को सामाजिक धारा से जोड़ने में भी खास मदद मिल रही है.
त्यौहारी सीजन पर खूब होगी बिक्री
जानकारी के लिए बता दें कि पोंगल के समय गन्ना की बाजार में काफी ज्यादा डिमांड होती है. पोंगल तैयार होने के बाद सूर्य देव पूजा की जाती है और प्रसाद के तौर पर गन्ना अर्पित किया जाता है.
यही वजह है कि इन दिनों दक्षिण भारतीय राज्यों में गन्ना की अच्छी बिक्री हो जाती है. त्रिची जेल में उगने वाला गन्ना की बाजार में अच्छे दामों पर बिक रहा है. जेल की डीआईजी ने बताया कि गन्ना की खेती के जरिए अब जेल के कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज से जोड़ने में खास मदद मिल रही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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