Geranium Cultivation: आज खेती-किसानी में नवाचारों को प्रोत्साहन मिल रहा है. घर चलाने के लिए गेहूं-धान की खेती पर निर्भर रहने वाले किसान आज औषधीय और सुगंधित फसलें उपजा रहे हैं. ये फसल कम लागत में बढ़िया मुनाफा दे रही हैं. इधर अरोमा मिशन के तहत किसानों को सुगंधित फसलों की खेती के लिए ट्रेनिंग और आर्थिक मदद भी दी जाती है. ऐसी ही एक बंपर मुनाफा देने वाली सुगंधित फसल है जेरेनियम. इस लोग गरीबों का गुलाब भी कहते हैं, क्योंकि इसकी खुशबू एक दम गुलाब जैसी होती है, लेकिन जेरेनियम का उत्पादन लेने के लिए आर्थिक और तकनीकी जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती.
सबसे खास बात है कि कम झंझटों वाली इस फसल का तेल 20,000 प्रति लीटर के भाव बिकता है. देश-विदेशी बाजारों में जेरेनियम के फूल और इसके एक्ट्रेक्स ऑइल की काफी मांग है. इससे परफ्यूम से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट, दवाएं और कई तरह के स्प्रे बनाए जाते हैं.
एक बार बुवाई 4 साल तक कमाई ही कमाई
पारंपरिक फसलों की तुलना में जेरेनियम की खेती से सालोंसाल मुनाफा कमा सकते हैं. एक बार जमीन को खाद-उर्वरक डालकर तैयार कर दीजिए. इसके बाद जेरेनियम के पौधों की रोपाई की जाती है, जो एक बार हार्वेस्टिंग के बाद अगले 4 साल तक प्रोडक्शन देती रहेगी. जेरेनियम की फसल पर एक ही बार खाद-उर्वरक, कीटनाशक का स्प्रे किया जाता है. समय-समय पर निराई-गुड़ाई, खरपतवार और सिंचाई लगाने पर फसल विकसित हो जाती है.
कहां करें जेरेनियम की खेती
कभी जेरेनियम जैसी सुगंधित फसलें सिर्फ दूसरे देशों तक ही सीमित थीं, लेकिन आज भारत के कई इलाकों में जेरेनियम की खेती का विस्तार हो रहा है. उत्तर प्रदेश के बंदायु, कासगंज और संभल जिलों के किसान जेरेनियम की खेती कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में शरबती गेहूं उगाने वाले किसान अब अपनी जमीन का एक हिस्सा जेरेनियम के लिए रखते हैं. वैसे तो जेरेनियम की फसल हर सीजन-हर मौसम के लिए अनुकूल है, लेकिन कम नमी, हल्का मौसम और बलुई दोमट मिट्टी में इसकी अच्छी उत्पादकता मिलती है.
खर्च और आमदनी
यदि आप भी जेरेनियम की खेती करना चाहते हैं तो अपने जिले के बागवानी विभाग से संपर्क करके इसके प्रमाणित पौधे मंगवाकर लगा सकते हैं. बता दें कि केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान भी जेरेनियम के उन्नशील पौधे तैयार करता है.
शुरुआत में जेनेनियम की फसल लगाने के लिए आपको 1 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. फिर आप चाहें तो बागवानी योजनाओं से अनुदान का लाभ लेकर खेती की लागत कम भी कर सकते हैं. जेरेनियम की खेती के साथ इसकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर अधिक फायदा होगा, क्योंकि बाजार में जेरेनियम के खरीददार कम और इसके तेल के खरीददार ज्यादा है.
आप चाहें तो किसी बड़ी कंपनी के साथ मिलकर जेरेनियम की कांट्रेक्ट फार्मिंग की ओर रुख कर सकते हैं. ये फसल अगले 4 साल तक उत्पादन देती है. इसका एक ही लीटर तेल 14,000 से 20,000 रुपये लीटर बिकता है.
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