Agri Innovation: सिर्फ प्राकृतिक खेती से लाखों कमाता है ये इनोवेटिव किसान, आप भी जानें इनकी सफलता का सीक्रेट
Successful Farmer: देश में प्राकृतिक खेती का चलन बढ़ता जा रहा है. इसे अपनाकर किसान खेती की लागत को कम करके अच्छा लाभ ले रहे हैं. इन्हीं में शामिल है गुरुग्राम के प्रगतिशील किसान सतीश कुमार.

Natural Farming: देशवासियों के साथ-साथ मिट्टी की सेहत का ख्याल करते हुए अब देश के ज्यादातर किसान प्राकृतिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. यह खेती पूरी तरह से गाय पर आधारित है. गाय के गोबर-गौमूत्र से जीवामृत, बीजामृत, घनामृत, वर्मीकंपोस्ट और वर्मीवॉश तैयार किया जा रहा है. ये नेचुरल फर्टिलाइजर ना सिर्फ मिट्टी की सेहत के लिए लाभकारी होते हैं, बल्कि फसलों की उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं. आज कई किसान प्राकृतिक खेती के साथ-साथ नवाचारों को अपनाकर देशभर में नाम कमा रहे हैं.
इन्हीं किसानों में शुमार हो रहा है प्रगतिशील किसान सतीश कुमार का नाम, जो गुरुग्राम स्थित अपने फार्म पर फल-सब्जियों की प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. सतीश कुमार ने खेती की लागत को कम करने और अतिरिक्त आय कमाने के लिए फार्म पॉन्ड बनाया है, साथ में सोलर पैनल भी लगावाए हैं. अपने फार्म पर ज्यादातर कृषि कार्यों के लिए वो ट्रेक्टर आधारित कृषि यंत्र उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एडवांस तकनीक में विश्वास
हरियाणा बागवानी विभाग के मुताबिक, गुरुग्राम के प्रगतिशील किसान सतीश कुमार खुद को शहरी किसान बताते हैं और एडवांस तकनीक को अपनाने में विश्वास रखते हैं. पिछले कई सालों से सतीश कुमार सब्जियों और फलों की खेती कर रहे हैं. सतीश कुमार ने बताया कि बागवानी विभाग से मिली जानकारी और सहयोग से उनकी खेती में मुनाफा बढ़ता जा रहा है.
खुद सतीश कुमार का मानना है कि खेती एक ऐसा काम है, जिसमें यदि कोई एक बार लग जाए तो सालों साल कुछ नया सीख सकता है. वो बताते हैं कि हम भी एडवांस रहने की पूरी कोशिश करते है, क्योंकि जो चीज हमने 10 साल पहले खेती में अपनाई थी,हो सकता है वो 10 साल अपडेट होकर आ जाए और हमारी मेहनत को कम करके मुनाफा बढ़ा दे.
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— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) January 4, 2023
सिर्फ गोबर से मिल रहा मुनाफा
हरियाणा बागवानी विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सतीश कुमार बताते हैं कि गांव में रहकर खेती-किसानी करने के साथ-साथ हमारी पूरी कोशिश रहती है कि सोशल मीडिया, यूट्यूब, इंटरनेट, टीवी या फिर सरकारी संस्थान और बागवानी विभाग के संपर्क में लगातार बने रहें, क्योंकि यहां से ज्ञान बटोरकर खेती में आजमाने से काफी फायदा होता है. आज प्रगतिशील किसान सतीश कुमार प्राकृतिक खेती करते हैं.
इसके लिए गाय के गोबर से जीवामृत,बीजामृत और घनामृत, बचे हुए गोबर से वर्मी कंपोस्ट और वर्मीवाश भी निकाला जाता है. सतीश बताते हैं कि कैमिकल का इस्तेमाल एक लिमिट तक ही सही रहता, लेकिन प्रकृति में बैलेंस बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती ही सही है. बता दें कि सतीश कुमार फल-सब्जियों की बागवानी में स्टेकिंग और मल्चिंग विधि का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पारंपरिक खेती के मुकाबले 3 से 4 गुना अधिक मुनाफा मिल जाता है.
एडवांस में फल-सब्जी की बुकिंग
देश के बड़े शहरों में गुरुग्राम का नाम भी शुमार है. इस शहर की आबादी इतनी ज्यादा है और ऊपर से दिल्ली के करीब भी है तो फल-सब्जियों की डिमांड भी रहती है. इसका लाभ प्रगतिशील किसान सतीश कुमार को भी मिल रहा है. वो बताते हैं कि फल-सब्जियों की मार्केटिंग के लिए बाजार में भटकना नहीं पड़ता, बल्कि फोन पर ही एडवांस में बुकिंग मिल जाती है. इनके खेत का आम 140 रुपये किलो और चीकू 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है.
हर साल एडवांस बुकिंग होती है. इनके दूसरे फार्म पर भी 10 से 12 पेड़ है, जिसमें से 5 से बड़े है. प्रगतिशील किसान सतीश कुमार बताते हैं कि एक सीजन में करीब 70,000 रुपये का आम बिक जाता है. आज सतीश कुमार अपनी सफलता का श्रेय कृषि तकनीकों को देते हैं. वो कहते हैं कि नई तकनीकों को अपनाकर हम बेहद खुश है. इन तकनीकों के इस्तेमाल से हमारी इनकम 3 से 4 गुना तक बढ़ गई है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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