बाढ़ आने पर कैसे बचाएं गाय-भैंसों की जान, ये तरीके आएंगे आपके काम
आज के आर्टिकल में हम पशुपालकों के लिए बाढ़ संबंधित हिदायतें लेकर आए हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से आप अपने मवेशियों की जान भारी जलभराव के दौरान बचा सकते हैं.
Agriculture News: बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और यह अब अपने चरम पर है. भारी बारिश के चलते देश के कई सारे इलाकों में जलभराव से स्थिति खराब हो चुकी है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी आती है पशुपालकों को. जिन्हें बरसात में अपने पशुओं और मवेशियों की चिंता सताने लगती है, कि अगर बाढ़ के हालात खराब हो गए तो अपने मवेशियों को कैसे बचाएंगे. आज के आर्टिकल में हम पशुपालकों के लिए बाढ़ संबंधित हिदायतें लेकर आए हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से आप अपने मवेशियों की जान भारी जलभराव के दौरान बचा सकते हैं.
बाढ़ आने से पहले कर लें ये काम
अपने सभी पशुओं पर पशुपालन विभाग की तरफ से दिया जाने वाला 12 अंकों का टैग जरूर लगवा लें, जिससे किसी भी आपातकाल वाली स्थिति में पशुओं की पहचान की जा सके.
बरसात के शुरू होने से पहले ही पशु चिकित्सक से सलाह लेकर अपने सभी पशुओं को कृमि नाशक दवाई जरूर दे दें.
अपने पशुओं का विभाग की तरफ सेचलाई जा रही पशुधन बीमा स्कीम में बीमा जरूर करवा लें, पशुओं की अकाल मृत्यु पर यह बेहद उपयोगी सिद्ध होता है.
अपने पशुओं को अलग अलग बीमारियों जैसे मुहखुर, गलघोटू से बचाव के लिए टीके निर्धारित समय पर जरूर लगवा लें.
बाढ़ के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
जब बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा हो और पशुओं की सुरक्षित निकासी संभव न हो तो ऐसे मौके पर पशुओं की रस्सी खोल देना उनके लिए हितकारी होता है, क्योंकि बंधा हुआ पशु खुद का बचाव नहीं कर पाता है जबकि खुले पशु तैरकर खुद को बचा लेते हैं. इसके अलावा पानी में खड़े पशुओं में हाइपोथर्मिया भी विकसित हो सकती है, और पशुओं के खुर और त्वचा गलने की समस्या आ सकती है. इसलिए जितना जल्दी हो सके पशुओं को सूखे स्थान पर ले जाने की कोशिश करनी चाहिए. बाढ़ के दौरान अपने पशुओं को छत पर भी बांधा जा सकता है,
छोटे पशु जैसे बकरी, भेड़, और छोटे बछड़े. छत पर पशुओं को बांधने से वे बाढ़ से कम प्रभावित होंगे. इसके अलावा बड़े पशुओं को किसी ऐसे मैदान में खुला छोड़ दें जहां की मिट्टी कठोर हो, जिससे वे बरसात के पानी में तैरते वक्त धंसे नहीं. इसके अलावा बाढ़ के दौरान पशुओं को पौष्टिक चारा देना अत्यन्त आवश्यक है, खासकर तब जब वे अपनी जान बचाने के लिए तैरने में सारी शारीरिक ऊर्जा खर्च कर चुके हों.
यह भी पढ़ें: क्या गमले में उगा सकते हैं अदरक, कितने दिन में हो जाएगा तैयार?