Wheat Cultivation in India: गेहूं रबी सीजन की एक प्रमुख नकदी फसल (Rabi Season Crop) है, जिसकी खेती भारत की आधी से अधिक जमीन पर की जाती है. भारत में उगाए गए गेहूं से देश और दुनिया की खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है. इतने बड़े पैमाने पर खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करना अपने आप में चुनौतीपूर्ण काम है, इसलिये पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना (Punjab Agriculture University, Ludhiana) ने गेहूं की तीन नई किस्में जारी की है. गेहूं की ये किस्में (New Varieties of Wheat)  देश के अलग-अलग इलाकों, समय, मिट्टी, जलवायु के हिसाब से बेहतर उत्पादन देकर किसानों को लाभान्वित करेंगी. रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को इन तीनों के किस्मों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करेंगे.


पीबीडब्ल्यू 826 (PBW 826 Wheat)
गेहूं की पीबीडब्ल्यू 826 किस्म को उत्तर-पूर्वी और उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों के लिये जारी किया गया है. यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के अलावा उत्तराखंड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम मैदानी इलाकों में किसानों को बंपर उत्पादन देगी. बता दें कि गेहूं की यह किस्म सिंचित इलाकों के लिये डिजाइन की गई है, जिसके दाने काफी मोटे और वजनदार होते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो यह एक दुर्लभ प्रजाति है, जो देश के कई मैदानी इलाकों में गेहूं का अच्छी पैदावार लेने में कीर्तिमान स्थापित करेगी


पीबीडब्ल्यू  872 (PBW 872 Wheat)
गेहूं की ये नई किस्म देश के उत्तर-पश्चिम मैदानी इलाकों की मिट्टी और जलवायु में बेहतरीन उत्पादन देगी. सिंचित इलाकों में सही तकनीक अपनाकर पीबीडब्ल्यू किस्म की खेती के जरिये गेहूं का क्वालिटी उत्पादन लेने में खास मदद मिलेगी. यह गेहूं की अगेती बुवाई  के जरिये उच्च पैदावार देने वाली किस्म है, जिसकी बुवाई रबी सीजन की शुरुआत में या थोड़ा पहले भी कर सकते हैं. 


पीबीडब्ल्यू 833 (PBW 833 Wheat)
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agriculture University) की ओर से जारी पीबीडब्ल्यू 833 किस्म को देश की उत्तर-पूर्वी मैदानी इलाकों (North-East India) के लिये जारी किया गया है. इसकी बुवाई करके किसान साधारण किस्मों से कई गुना अधिक पैदावार ले सकते हैं. प्रोटीन और तमाम पोषक तत्वों से भरूपर पीबीडब्ल्यू किस्म को सिंचित मैदानी इलाकों लगाना फायदेमंद रहेगा. गेहूं की पछेती खेती (Late Cultivation of Wheat) यानी देर से बुवाई करने वाले किसानों के लिये गेहूं की पीबीडब्ल्यू 833 किस्म(PBW 833 Wheat) वरदान साबित होगी.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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