Punjab Agriculture Scheme: देश की कृषि अर्थव्यवस्था में पंजाब राज्य ने अभी अहम रोल अदा किया है. ये एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां के किसान खाद्यान्न से लेकर बागवानी फसलों का अच्छा-खासा प्रोडक्शन ले रहे हैं. यहां भी खेती में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि अब राज्य सरकार ने सुधार के लिए नई कृषि पॉलिसी को लागू करने का फैसला लिया है. इस बात की जानकारी खुद पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंग धालीवाल ने दी. पंजाब राज्य किसान एवं कृषि श्रमिक आयोग द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी के दौरान 'पंजाब के कृषि विकास मॉडल- कुछ नीतिगत मुद्दे' विषय पर संबोधित करते हुए कृषि मंत्री धालीवाल ने विस्तार से नई कृषि पॉलिसी के बारे में बताया. इस आर्टिकल में यही जानेंगे कि नई कृषि नीति से पंजाब की खेती और किसानों के लिए क्या कुछ खास रहने वाला है.


इन चीजों पर रहेगा मेन फोकस
किसान गोष्टी को संबोधित करते हुए पंजाब के कृषि मंत्रील कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पंजाब की जियोग्राफी, सॉइल हेल्थ और खेती में पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखकर ही पंजाब की नई कृषि नीति बनाई जाएगी. इस पर काम चालू हो चुका है और बेहतर परिणामों के लिए देश के जाने माने वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श भी चल रहा है.


इन क्षेत्रों में सुधार की सख्त जरूरत
किसान गोष्ठी में 'पंजाब के कृषि विकास मॉडल- कुछ नीतिगत मुद्दे'पर बात करते हुए पंजाब के कृषि मंत्री ने पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा. इस बीच धालीवाल ने कहा कि आज पंजाब की पुरानी गलत नीतियों के कराण आज पंजाब का शुद्ध पानी, साफ हवा, पर्यावरण, उपजाऊ जमीन बिल्कुल विपरीत अवस्था में है., यहां का पानी प्रदूषित, हवा जहरीली और जमीन बंजर होती जा रही है, जिसे सही नीति और इरादों के साथ सख्ती से बदला जाएगा. 


प्राकृतिक खेती के लिए अलग कृषि नीति 
कृषि मंत्री धालीवाल ने प्राकृतिक खेती के लिए अलग से कृषि नीति बनाने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि खेती में फर्टिलाइजर, कैमिकल खरपतवारनाशकी दवाएं और कीटनाशकों से लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जलवायु के अनुरूप काम करना होगा, क्योंकि किसानों का काम सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सीधा सेहत से जुड़ा मामला है.


खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा
पंजाब के कृषि मंत्री के मुताबिक, खेती से असुरक्षा को दूर करना बेहद जरूरी है और राज्य सरकार अब इसी दिशा में काम करेगी. उन्होंने बताया कि बड़ी कृषि मशीनों के बजए किसानों को छोटे कृषि यंत्र खरीदने चाहिए. इससे खेती की लागत कम होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. इन सभी मुद्दों पर काम करने के लिए पंजाब की राज्य सरकार अभ अनुभवी लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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