Pusa Research Institute: किसानों के लिए नई फसलों की बुवाई का मौसम आया गया है. किसान बाजारों में विभिन्न सब्जियों के बीज (Vegetable Seeds) ढूंढ रहे हैं. देख रहे हैं कि कौन-सी फसल बिगड़ते मौसम की मार झेल सकती है और कमाई भी बंपर हो. नए बीजों के रिसर्च में भारत का पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(Indian Agriculture Research Institute) बेजोड़ हैं. संस्थान ने अब सरसों, मटर, गाजर आदि फसलों के बीजों के ऐसे नाम बताए हैं, जिनसे किसान मालामाल हो सकते हैं.


पूसा रुधिरा, पूसा तराक से मिल सकती है बेहतरीन गाजर- सरसों
पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस मौसम में बुवाई जाने वाली फसलों का रखरखाव समय से किया जाए. कुछ ऐसे बीज हैं, जिन्हें किसान बोकर अच्छा उत्पादन पा सकते हैं. किसान स्वीट कॉर्न जिसे माधुरी, विन ओरेंज व बेबी कॉर्न(एचएम-4) की बुवाई की जा सकती है. सरसों की बेहतरीन किस्म की बात करें तो पूसा तारक और सरसों-28 शामिल है.अगेती मटर की उन्नत किस्म पूसा प्रगति है. वहीं, गाजर की अच्छी किस्म पूसा रुधिरा है. एक एकड़ में 4 से साढ़े चार किलोग्राम बीज का उपयोग किया जा सकता है.


मेड़ों पर करें गाजर की बुवाई
गाजर की बुवाई मेड़ों पर की जाए. इससे उन्नत किस्म की गाजर का प्रोडक्शन और अच्छा होगा. यदि गाजर की बुवाई मशीन से कर रहे हैं तो एक एकड़ में एक किलोग्राम बीज का प्रयोग किया जा सकता है. इससे गाजर के बीच में औसत गेप बना रहेगा और फसल का विकास भी अच्छी तरह से होगा. बीज की भी बचत होगी.


दीमक- कीटों से करें फसलों का बचाव
फसलों में दीमक व कीड़ों के लगने से नुकसान अधिक होता है. फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में कृषि ज्ञान केंद्र, जिला कृषि विभाग, तहसील स्थित कृषि विभाग (Agriculture Department) से जानकारी लें. सरकार की और से निर्धारित दवा विक्रेता से कीटनाशक दवा (Pesticide) लें. यदि कीड़ों से फसलों को नुकसान हो रहा है तो क्लोरपाईरीफास 20 ईसी @4.0 मिली/लीटर लगाएं. इतनी मात्रा में दवा लगाकर फसल की सिंचाई (Crop Irrigation) भी कर सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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