Food Identification: दिवाली पर बड़ा फर्जीवाड़ा, जब्त हुए नकली तेल, दाल और मसाले, ऐसे पहचानें असली-नकली का फर्क
Quality Check for Oil: दिवाली के बीच दाल, चावल, सब्जी से लेकर, तेल, घी, दूध तक में मिलावट चल रही है. खाने से पहले असली-नकली की पहचान जरूर कर लें. ये पहचानने के लिए ये फूड सेफ्टी टिप्स अपना सकते हैं.
Real and Fake Pulses: दीवाली आते-आते बाजार में मिलावट का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. दाल, चावल, सब्जी से लेकर, तेल, घी, दूध जैसी मेन चीजों में मिलावट करके बेचना तो जैसे अब आम हो गया है. लोगों की सेहत का ख्याल किये बिना ही पैसों में लालच में जाने क्या-क्या मिला देते हैं. इस सब से जनता को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक अभियान चलाया है.
यहां जिला प्रशासन ने खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिए 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान' चलाया है. इस अभियान के तहत जांच दल ने दाल मिल, तेल मिल और मसाले की फैक्ट्री से करीब हजारों किलो मिलावट का सामान जब्त किए हैं. वहीं मिलावट वाले कई फूड़ प्रॉडक्ट पहले से ही बाजार में हैं. अब ये असली हैं नकली. ये पहचानने के लिए कुछ फूड सेफ्टी टिप्स अपनाना फायदेमंद रहेगा.
दाल में धतूरा की मिलावट
क्या आप जानते हैं कि दाल का वजन बढ़ाने के लिए उसमें धतूरे के काले रंग के बीज मिला दिए जाते हैं. अगर गलती से भी इन बीजों को दाल के साथ उबाल दिया जाये तो इसे खाकर आप बहुत बीमार हो सकते हैं. इनकी पहचान के लिए FSSAI ने कुछ फूड सेफ्टी टिप्स (Food Safety Tips) दी है. जब भी दाल बनाएं, उससे पहले प्लेट में लेकर हर तरह का कूड़ा कचरा अलग कर दें. बता दें कि अच्छी क्वालिटी की दाल में ना ही ऐसे बीज मिलेंगे और ना ही पॉलिश मिलेगी, जबकि मिलावटी दाल को चमकाने के लिए पॉलिश भी लगाई जाती है और काली दाल में धतूरे के बीज भी मिलाए जाते हैं.
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हरी सब्जियों में मिलावट
हरी सब्जियों से ज्यादा सस्ता और पौष्टिक क्या ही होता है, लेकिन आजकल इन्हें भी तरोताजा रखने के लिए हरा रंग और कैमिकल मिलाए जा रहे हैं. इस कैमिकल को पैराफिन लिक्विड कहते हैं. इसकी पहचान के लिए सब्जियों (Green Vegetables) के ऊपर गीले कॉटन यानी भीगी हुई रुई को लगाएं. अब रुई का बदलता रंग आपको कैमिकल के बारे में बता देगा. यही कारण है कि हमेशा सभी सब्जियों और नेचुरल फूड प्रॉडक्ट्स को धोकर खाने की सलाह दी जाती है.
सरसों तेल में मिलावट
भारत में सालभर सरसों के तेल (Mustard Oil) का इस्तेमाल किया जाता है. धार्मिक कार्यों के लेकर खाने और शरीर-बालों पर लगाने के लिए लोग सरसों के तेल का प्रयोग करते हैं, लेकिन त्योहारों पर इसकी बढ़ती डिमांड के बीच अब लोग सरसों के तेल में भी मिलावटखोरी को अंजाम दे रहे हैं. इसकी पहचान के लिए सरसों के तेल का फ्रीजिंग टेस्ट और रबिंग टेस्ट कर सकते हैं.
इसके लिए सबसे पहले एक कांच के बाउल में सरसों का तेल लेकर इसे फ्रिज में रख दें. अगर कुछ समय बाद तेल में सफेद धब्बे नजर आते हैं तो समझ जाएं कि सरसों के तेल में मिलावट है. इसके अलावा सरसों के तेल की कुछ बूंदें हाथ पर भी मलकर देख सकते हैं. अगर तेल का रंग पीले से बदलकर लाल या नांरगी हो जाए और उसमें बदबू आने लगे तो समझ जायें कि सरसों का तेल नकली है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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