Agriculture Growth: देश में अनाज की किल्लत पैदा नहीं होगी. पिछले सीजन में भी गेहूं, दलहन, तिलहन फसलों का रकबा बढ़ गया था. वहीं इस बार भी देश में इन फसलों की भरपूर बुवाई देखने को मिल रही है. एक्सपर्ट इसे एग्रीकल्चर ग्रोथ के हिसाब से पॉजीटिव साइन मान रहे हैं. इस साल किसानों को नई फसलों में बेहतर भाव मिलने की संभावना है. चालू रबी सीजन में गेहूं और तिलहन फसलों की बुवाई का रकबा सालाना आधार पर 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है. केंद्र सरकार की ओर रबी की फसलों का सभी रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है. इस रबी सीजन में 25 नवंबर को सभी रबी फसलों की कुल खेती का रकबा 7.21 प्रतिशत बढ़कर 358.59 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल इसी समय यह 334.46 लाख हेक्टेयर था. विशेषज्ञों का कहना है कि फसलों के अधिक उत्पादन से देश में अनाज महंगा नहीं होगा और किसानों की इनकम भी ठीक हो जाएगी.


24 लाख हेक्टेयर हो गया गेहूं का रकबा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय ने 25 नवंबर तक रबी सीजन की फसलों के ग्रोथ को लेकर आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, देश में किसान जिस तरह रबी फसलों को बो रहे हैं. उससे उम्मीद है कि अगले साल घरेलू बाजार भाव में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी. रबी सीजन में 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई का रकबा 10.50 प्रतिशत बढ़कर 152.88 लाख हेक्टेयर हो गया. एक साल पहले यह आंकड़ा इसी अवधि में 138.35 लाख हेक्टेयर था. गेहूं के रकबे में करीब 14 लाख हेक्टेयर ग्रोथ देखने को मिली है. 


तिलहन का रकबा 13 प्रतिशत बढ़ा
केंद्र सरकार तिलहन की फसलों के रकबे पर भी नजर रख रही है. 25 नवंबर तक तिलहन का रकबा 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया है. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 66.71 लाख हेक्टेयर था. इसमें से इस अवधि के दौरान 61.96 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल सरसों की बुवाई 70.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि देश में तिलहनी फसलों का संकट पैदा नहीं होगा. रबी सीजन की बात करें तो इसकी बुवाई अक्टूबर से होती है. कटान मार्च अप्रैल में होता है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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स्टेटवार ये है स्थिति 
केंद्र सरकार ने स्टेटवार भी फसल प्रॉडक्शन के आंकड़े सामने रखे हैं. इसमें कई राज्यों ऐसे भी हैं, जिनमें गेहूं बुवाई में बढ़त दर्ज की गई है. मध्य प्रदेश में 6.40 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 5.67 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 1.55 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.05 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.78 लाख हेक्टेयर, जम्मू और कश्मीर में 0.74 लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 0.70 लाख हेक्टेयर क्षे़त्र में गेहूं का रकबा बढ़ा है. 


घट गया दाल का रकबा
देश में दालों के रकबे में कमी दर्ज की गई है. हालांकि यह गिरावट बेहद मामूली है. पिछले साल 94.37 लाख हेक्टेयर में दालें बोई गई थीं. इस साल यह 94.26 लाख हेक्टेयर है. मोटे अनाज की बुवाई 26.54 लाख हेक्टेयर में की गई, पिछले साल 26.70 लाख हेक्टेयर थी.