Agriculture Growth In India: आने वाले दिनों में देश में अनाज का कोई संकट पैदा नहीं होगा. मौजूदा समय में देश में गेहूं की बंपर बुवाई हो रही है. रबी सीजन की फसलों की बुवाई के जो आंकड़े सामने आए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार, आमजन सभी को राहत दी है. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि रबी सीजन की प्रत्येक फसल की बुवाई की अपडेट ली जा रही है. देश में गेहूं, धान समेत किसी भी अनाज की कमी जैसे कोई हालात नहीं हैं.
720 हेक्टेयर में हुई रबी फसलों की बुवाई
केंद्र सरकार की ओर से 3 फरवरी 2023 को रबी सीजन की फसलों के अंतिम आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, देश के कुछ हिस्सों में अभी भी रबी सीजन की बुवाई की जा रही है. रबी फसलों के तहत बोया गया कुल क्षेत्रफल 2021-22 में 697.98 लाख हेक्टेयर से 3.25 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 720.68 लाख हेक्टेयर हो गया है. यह 2021-22 की इसी अवधि में हुई बीजों की बुआई की तुलना में इस वर्ष 22.71 लाख हेक्टेयर अधिक है. रबी सीजन की फसलों में 13.71 प्रतिशत तक की ग्रोथ दर्ज की गई है.
धान की बुवाई में इतनी हुई बढ़त
धान के क्षेत्र में 2021-22 में 35.05 लाख हेक्टेयर से 2022-23 में 46.25 लाख हेक्टेयर तक 11.20 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, यह पिछले सालों की औसत बुवाई 47.71 लाख हेक्टेयर के सामान्य बुवाई क्षेत्र से कुछ कम है. चावल के तहत क्षेत्र में अधिकतम बढ़ोत्तरी तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में देखने को मिली है. वहीं, गेहूं बुवाई का क्षेत्र ही 300 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है.
देश में तिलहन का रकबा भी बढ़ा
खाद्य तेलों में आयात निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. कम उत्पादन के चलते 2021-22 में देश को 1.41 लाख करोड़ रुपए की लागत से 142 लाख टन खाद्य तेलों का आयात करना पड़ा था. देश में तिलहन की बुवाई 2021-22 के दौरान 102.36 लाख हेक्टेयर से 7.31प्रतिशत बढ़कर इस वर्ष 109.84 लाख हेक्टेयर तक हो गई है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक तिलहन बुवाई का रकबा बढ़ा है. वहीं तिलहन में सरसों का क्षेत्रफल वर्ष 2021-22 के 91.25 लाख हेक्टेयर से 6.77 लाख हेक्टेयर बढ़कर 2022-23 में 98.02 लाख हेक्टेयर हो गया है.
दलहन का रकबा भी बढ़ा
केंद्र सरकार ने देश के 370 जिलों में दहलन उत्पादन बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया है. देश में दलहन का क्षेत्रफल 0.56 लाख हेक्टेयर वृद्धि के साथ 167.31 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 167.86 लाख हेक्टेयर हो गया है. दलहन के रकबे में मूंग और मसूर की बढ़त हुई है. महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और कर्नाटक में दहलनी बुवाई में वृद्धि देखने को मिली है.
मोटा अनाज 2 लाख हेक्टेयर बढ़ा
केंद्र सरकार मोटे अनाज और उसके उत्पादन पर जोर दे रही है. देश में मोटे अनाज के क्षेत्र में 2.08 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2021-22 में 51.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2022-23 में 53.49 लाख हेक्टेयर हो गई है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत मोटे अनाज के उत्पादन के लिए वैश्विक हब बनने की ओर अग्रसर है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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