Mustard Farming: सोच से ज्यादा मुनाफा दिलाएंगी सरसों की ये नई किस्में, इन राज्यों के किसानों को मिलेगा भरपूर फायदा
Top Varieties of Mustard Seeds: अभी तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने सरसों की आरएच-1424 और आरएच 1706 के अलावा बंपर उपज वाली सरसों की 21 किस्में देश को दी हैं.
Best Varieties of Mustard Seeds for Oil Production: किसानों की आमदनी बढ़ाने और खाद्य तेल (Edible Oil) के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये हमारे कृषि वैज्ञानिक लगातार नये-नये प्रयास कर रहे हैं. इसी प्रकार सरसों का उत्पादन बढ़ाने और अच्छे तेल उत्पादन (Mustard Oil Proudction) के लिये चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू)(CHAUDHARY CHARAN SINGH HARYANA AGRICULTURAL UNIVERSITY, HISAR) के वैज्ञानिकों ने सरसों की नई किस्मों (New Mustard Varieties) इजाद की है, जो बढिया क्वालिटी के तेल के साथ-साथ सेहत को बेमिसाल फायदे प्रदान करती हैं.
इनमें आरएच-1424 और आरएच 1706 किस्म शामिल है, जो प्रति हैक्टेयर 27 क्विंटल तक उत्पादन (Mustard Production) दे सकती है. इन किस्मों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इरुसिक एसिड की मात्रा कम और फैटी एसिड ना के बराबर है.
इन किसानों को मिलेगा भरपूर फायदा
जलवायु और मिट्टी के लिहाज से आरएच-1424 और आरएच 1706 किस्मों को हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू के खेतों में लगाकर बंपर उत्पादन ले सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो हरियाणा और राजस्थान के किसानों को इसकी खेती से ज्यादा लाभ मिलेगा.
इस मामले में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज बताते हैं कि 'दूसरी किस्मों को मुकाबले ये अधिक उपज और बढिया क्वालिटी का तेल देती हैं.' इन्हें उगाकर देश में सरसों के उत्पादन को बढ़ाने में खास मदद मिलेगी.
सरसों की आरएच 1424
ये किस्म बारानी परिस्थितियों में मील का पत्थर साबित हो सकती है. ये किस्म सरसों की पुरानी आरएच 725 के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक उत्पादन देगी. किसान इसकी खेती करके मात्र 139 दिनों में 26 क्विंटल तक उपज ले सकते हैं. इसके बीजों से करीब 40.05 प्रतिशत तक तेल निकाला जा सकता है. बाद में इसकी खली पशुओं को भी पोषण प्रदान करेगी.
सरसों की आरएच 1706
ये एक मूल्यवर्धित किस्म है, जो सिंचित इलाकों में किसानों को मालामाल बना देगी. सिर्फ आमदनी के लिहाज से ही नहीं, ये किस्म सेहत के लिहाज के सभी काफी अहम है. इस किस्म में 2 प्रतिशत से भी कम इरुसिक एसिड होता है और फैटी एसिड का नामो निशान नहीं होता, जिसके कारण फिटनेस फ्रीक लोगों से अच्छा मुनाफा कमाकर दे सकती है.
ये किस्म भी 140 दिनों में तैयार होकर करीब 27 क्विटल तक उत्पादन दे सकती है. इसके बीजों से करीब 38 प्रतिशत तक तेल का निष्कासन कर सकते हैं.
किसानों के बीच काफी फेमस है पुरानी किस्म आरएच 725
अभी तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Haryana Agriculture University) ने देश को बंपर उपज वाली सरसों की 21 किस्में (21 Varieties of Mustard) दी हैं. ये संस्थान सरसों अनुसंधान केंद्रों (Mustard Research Center) के बीच काफी मशहूर है ही, साथ ही यहां के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई आरएच 725 (Mustard RH-725) सरसों की उन्नत किस्म भी सरसों उत्पादक (Mustard Producer States) राज्यों में काफी लोकप्रिय है. ज्यादातर सरसों (Mustard Farming) उत्पादक किसान अच्छा उत्पादन लेने के लिये सरसों की आरएच 725 किस्म को ही तवज्जो देते हैं.
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