Crop Damage: अब बारिश से इस राज्य में धान, दलहन की फसल की बर्बाद, किसानों को लाखों का नुकसान
मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब बारिश ने तमिलनाडु में कहर बरपाया है. यहां लाखों हेक्टेयर में धान और दलहन की फसल को नुकसान पहुंचा है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
Rain Damage Crop In Tamil Nadu: खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखा ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया था. किसानों को खासा संकट का सामना करना पड़ा. हाल में भी बारिश और ओलावृष्टि ने मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में फसलों पर तबाही मचाई है. लेकिन बारिश से होने वाला नुकसान का खतरा अभी टला नहीं है. अब दक्षिण भारत का एक राज्य बारिश से परेशान हैं. यहां किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. स्थानीय किसान मौसम की मार से बेहाल हैं.
बारिश से धान, दलहन को नुकसान
तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्र में बेमौसम बारिश से सांबा धान की फसल और ताजा बोई गई दलहनी फसल दोनों को कापफी नुकसान हुआ है. हरे और काले चने जैसी दलहनी फसलों की पूरी फसल को मिटा दिया है ये फसलें चावल की परती फसलों के रूप में उगाई जाती थीं. स्थानीय किसानों का कहना है कि मौसम की मार से किसान उबर नहीं पा रहे हैं.
कावेरी डेल्टा में बह गईं धान की फसलें
स्थानीय किसान संगठनों का कहना है कि डेल्टा क्षेत्र में दालें पूरी तरह से बह गई हैं. यह उन किसानों के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने सरकार पर सब्सिडी दरों पर बीज प्राप्त किए थे. सरकार को किसानों की मदद करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. तभी किसानों को कुछ राहत मिल सकेगी.
इतने क्षेत्र में धान, दलहन की फसलें
अकेले नागपट्टिनम जिले में 10,200 हेक्टेयर से अधिक भूमि में दलहनी फसलें बोई गई हैं. इसमें 9,300 हेक्टेयर में हरा चना और 900 हेक्टेयर में काला चना शामिल है. हालांकि राज्य सरकार की ओर से बारिश से हुए नुकसान का कोई सर्वे नहीं हुआ है. इसलिए आंकलन भी जारी नहीं हुआ है. किसान संगठनों का दावा है कि बारिश से पूरे इलाके की फसल चौपट हो गई है. बारिश ने अन्य डेल्टा जिलों में दलहनी फसलों के बड़े क्षेत्र को भी प्रभावित किया है. बताया गया कि बारिश से डेल्टा क्षेत्र में करीब 6 लाख एकड़ में दलहन की फसल प्रभावित हो सकती है.
50 प्रतिशत सब्सिडी पर दिए थे बीज
राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर बीज प्रदान की थी, ताकि अधिक से अधिक किसान दलहनी फसलों की बुवाई कर सकें. इस सब्सिडी स्कीम के तहत राज्य में लगभग 10 लाख एकड़ जमीन को कवर करने का लक्ष्य रखा था. कापफी किसानों ने इस योजना का लाभ भी लिया. किसानों को उम्मीद थी कि इस बार बचत अच्छी खासी होगी. लेकिन बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेरने का काम किया है. किसान सरकार से फसल नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें- PM Kisan Samman Nidhi: ई-केवाईसी, भूलेख अपडेट नहीं... यहां किस्त पाने में किसानों के सामने ये नई टेंशन आ गई है