Rain Gun Sprinkler: ग्लोबल वार्मिंग के चलते फसल चक्र बदल रहा हैं. पिछले कुछ सालों में बाढ़, बारिश और सूखा जैसी नेचुरल आपदाएं बढ़ी हैं. बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य सूखे के हालात का सामना करते हैं सूखे से निपटने के लिए राज्य सरकारें भी कदम उठाती हैं. आजकल फसलों के ऐसे भी कई बीज सामने आ रहे हैं, जिनसे कम पानी में सिंचाई की जा सकती है. आज हम ऐसी ही सिंचाई की तकनीक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिसमें मेहनत और पानी दोनों कम लगते हैं, लेकिन उपज बेहद शानदार हो जाती है. 


ये है रेनगन सिंचाई तकनीक
देश में रेनगन सिंचाई का चलन बढ़ा है. रेनगन सिंचाई की विशेषता यह है कि जिस तरह से बारिश में बूंद बूंद कर पानी जमीन पर गिरता है. उसी तरह रेनगन से भी पानी बूंदबूंद कर गिरता है. रेनगन सिंचाई को वाटरगन सिंचाई भी कहा जाता है. वाटरगन सिंचाई से पानी कम लगता है और कम समय में खेत में सिंचाई भी हो जाती है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का कहना है कि जिन क्षेत्रों में पानी की कमी होती हैं. वहां वाटरगन तकनीक बेहद असरकारक है. 


ऐसे करते हैं रेनगन से सिंचाई
रेनगन से सिंचाई करना एक तरह से तकनीक है. रेनगन एक उपकरण है. इसे स्टैंड के सहारे 45 से 180 डिग्री के कोण पर उस स्थान पर खड़ा कर दिया जाता है, जहां सिंचाई करनी होती है. इसका दूसरा हिस्सा पानी आने वाले पंपसेट से जुड़ा हुआ होता है. जैसे ही पानी छोड़ा जाता है. रेनगन में पानी सप्लाई होते ही दबाव पड़ता है. इससे फव्वारों से करीब सौ फीट की परिधि में चारों ओर वर्षा की बूंदों की तरह पानी निकालकर फसलों पर गिरना शुरू हो जाता है. इससे पानी बेहद कम खर्च होता है और समय भी कम लगता है. विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल और बिजली दानों ही कम खर्च होते हैं. 


सब्सिडी से लगाइए रेनगन तकनीक
रेनगन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें मशीनों पर सब्सिडी भी दे रही हैं. दो हेक्टेयर से कम जगह पर खेती करने वालीों को अच्छी सब्सिडी मिल जाती हैं. किसान एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं. राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में रेनगन तकनीक से सिंचाई करने का चलन बढ़ा है. 


इन फसलों के लिए है उपयोगी
रेनगन तकनीक से सिंचाई बारिश की तरह की जाती हैं. यह सिंचाई कई फसलों के लिए बेहद कामगार हैं. मसलन, गन्ना, कपास, मक्का, गेहूं, मूंगफली, बाजरा, सोयाबीन, मिर्च, प्याज, आलू, चाय, कॉफी आदि फसलों में रेनगन तकनीक का चलन बढ़ा हैं. कुछ लोग अपने बागान और खाली पार्क में भी रेनगन तकनीक से पानी का छिड़काव करना पसंद करते हैं.