Subsidy on Micro Irrigation Technique: इस समय भारत के अधिकतर राज्यों में भूजल स्तर गिरने के कारण पानी की समस्या गर्मायी हुई है, जिसके चलते खेती योग्य जमीन अपनी उपजाऊ शक्ति खोती जा रही है. राजस्थान जैसे राज्यों में पानी की कमी (Insufficiency of Water in Rajasthan) के कारण फसलों की सिंचाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है. यही कारण है कि फसलों की सिंचाई के लिए नए उपाय और नई योजनाएं (Agriculture Schemes 2022) चलाई जा रही हैं. इसी बीच राजस्थान उद्यान विभाग की तरफ से टपक, फव्वारा, और मिनी फव्वारा जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीक अपनाने के लिए 75 फीसदी तक अनुदान (Subsidy on Irrigation System)दिया जा रहा है. योजना के तहत अनुदान की राशि सीधा लाभार्थी किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी.


किसको-कितना अनुदान 
राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को सुक्ष्म सिंचाई संयंत्र (Micro Irrigation System) स्थापित करने के लिए ऊंची दरों पर सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें लघु किसान, सीमांत किसान, महिला किसान और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित करने के लिये 75 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा. वहीं सामान्य वर्ग के किसानों को सिंचाई के लिये 70% तक सब्सिडी का प्रावधान है


इन किसानों को मिलेगा फायदा 
इस योजना के तहत खेती योग्य जमीन के मालिक किसान या लीज पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसान भी सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. 



  • यदि खेत के नजदीकी कुंए या जल स्रोत पर दो 2 किसानों का मालिकाना हक है तो इस स्थिति में भी दोनों किसानों को अनुदान दिया जाएगा.

  • जिन किसानों के पास कुआं, ट्यूबवेल या कोई जल स्रोत नहीं है, उन्हें भी मित्र किसान के अनुमति पत्र के जरिये सब्सिडी योजना का लाभ दिया जायेगा.

  • इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को उद्यान विभाग में पंजीकृत निर्माताओं के बीएसआई मार्क संयंत्र खरीदने के लिए भी उचित दरों पर सब्सिडी का प्रावधान है.


आवश्यक दस्तावेज 
राजस्थान में सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र पर सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन के साथ-साथ इन दस्तावेजों की कॉपी अपलोड करना अनिवार्य है. इनमें-



  • किसान का आधार कार्ड 

  • किसान का भामाशाह कार्ड 

  • भूमि की जमाबंदी 

  • किसान का पासपोर्ट साइज फोटो 

  • किसान के बैंक खाते का विवरण 

  • बिजली का बिल या पंपसेट खरीद का बिल या प्रोफॉर्मा इन्वॉयस की कॉपी

  • सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र के पंजीकृत निर्माता द्वारा जारी बिल 

  • ड्रिप सिंचाई के लिए मिट्टी और जल परीक्षण की रिपोर्ट और डिजाइन 

  • किसान का शपथ पत्र (यह दर्ज हो कि 5 साल तक सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र की बिक्री, दान या उधार पर नहीं दिया जायेगा)


यहां करें आवेदन 
सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापना के लिए राजस्थान के किसान सिंचाई अनुदान योजना का ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए नजदीकी ई-मित्र सेंटर पर जाकर सभी दस्तावेजों की कॉपी के साथ आवेदन कर सकते हैं.



  • अधिक जानकारी के लिए राजस्थान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जाकर विजिट कर सकते हैं.

  • बता दें कि किसानों के आवेदन प्राप्त करने के बाद जांच-पड़ताल और सत्यापन किया जायेगा. इसके बाद ही अनुदान की राशि लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी.


क्या है सूक्ष्म सिंचाई पद्धति 
सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के तहत पानी के कम खर्च वाली सिंचाई तकनीकों (New Irrigation Techniques) की मदद से फसलों का बेहतरीन उत्पादन ले सकते हैं. सूक्ष्म सिंचाई की यह तकनीकें समतल, पहाड़ी या उबड़-खाबड़ जमीनों पर कारगर साबित होती हैं. इस तकनीक के इस्तेमाल से उर्वरकों की भी काफी बचत होती है.



  • ड्रिप सिंचाई तकनीक (Drip Irrigation Technique) का इस्तेमाल बागवानी फसलों के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी और 70% तक पानी की बचत होती है

  • मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई (Mini Sprinkler Irrigation Technique) तकनीक के तहत गाजर, मूंगफली, गेहूं, लहसुन एवं प्याज जैसी फसलों की सिंचाई में 50 फीसदी तक पानी की बचत कर सकते हैं.

  • फव्वारा सिंचाई पद्धति (Sprinkler Irrigation Technique)के तहत दलहनी फसल, चारा फसल और खाद्यान्न फसलों में 35 से 40 फीसदी तक पानी की बचत कर सकते हैं. इस तकनीक का इस्तेमाल करने पर फसलों के जड़ों तक सीधा पानी पहुंचता है, जिससे भूजल स्तर भी कायम रहता है और पानी का अनावश्यक बहाव भी नहीं होता.

  • राजस्थान के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र सब्सिडी योजना (Subsidy on Micro Irrigation System) की मदद से किफायती खेती करने में मदद मिलेगी


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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