Crop Loss Compensation: अक्टूबर में फसल कटाई (Kharif harvesting) के बीच भारी बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. फिलहाल बारिश का सिलसिला तो थम गया है, लेकिन खेतों में बिखरी पड़ी फसलों को लेकर किसान काफी परेशान है. इसके लिये कई राज्य सरकारों ने मुआवजे (Crop Loss Compensation) का ऐलान भी कर दिया है. बीमित फसलों के लिए भी 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनियों (Crop Insurance Companies) को सूचित करने के लिए कहा जा रहा है.


इसी बीच राजस्थान सरकार ने भी बीमित फसलों के किसानों को जल्द से जल्द बीमा कंपनियों से संपर्क साधने के निर्देश दिए हैं, जिससे समय पर नुकसान का आंकलन करके बीमा कवरेज (Crop Insurance Coverage) मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार ने जिलों के हिसाब से कुछ टोल फ्री नंबर भी जारी किए हैं. यदि किसान बीमा कंपनियों से संपर्क नहीं कर पा रहे तो इन टोल फ्री नंबरों पर बीमित फसलों में हुये नुकसान की जानकारी दे सकते हैं.


कृषि मंत्री ने दी जानकारी


राजस्थान के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया (Lal Chand Katariya) ने राज्य में कार्यरत बीमा कम्पनी के टोल फ्री नंबर जारी किए हैं. किसान चाहें तो फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप (Crop Insurance App)  के माध्यम से भी 72 घंटे के अंदर दे सकते हैं.  



  • नोटिफिकेशन के मुताबिक, बारां, धौलपुर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, झुंझुनू, करौली, उदयपुर जिलों के लिए 1800-419-6116 जारी किया गया है. 

  • चुरू, भीलवाड़ा, राजसमंद, दौसा, झालावाड़, श्री गंगानगर और अलवर संभाव के लिये 1800-209-1111 टोलफ्री नंबर दिया गया है.

  • बांसवाड़ा, नागौर, भरतपुर, जयपुर, पाली और प्रतापगढ़ के लिये 1800-102-4088 जारी किया गया है.

  • बूंदी, डूंगरपुर और जोधपुर के किसान भी 1800-266-4141 पर कॉल कर 72 घंटे के अंदर जानकारी जे सकते हैं.

  • अजमेर, जालौर, सवाई माधोपुर और कोटा के किसानों के लिए 1800-209-5959 टोलफ्री नंबर लॉन्च किया है.

  • जैसलमेर, सीकर और टोंक के किसान 1800-266-0700 पर फोन करके फसल नुकसान की सूचना दे सकते हैं.

  • साथ ही बीकानेर, चित्तौड़गढ़ और सिरोही में भी बीमित फसल नुकसान के केस में 1800-200-5142 पर फोन करके सूचना दे सकते हैं.






फसल नुकसान का सर्वे जारी


कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया है कि कटाई के बाद सुखाने के लिये रखी गई फसलों में बरसात से नुकसान होने पर किसान बीमा क्लेम कर सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बारिश के कारण बीमित फसल में जलभराव और फसल कटाई उपरान्त खेत में बंडल के रूप में सुखाने के लिए रखी फसल में 14 दिन तक की अवधि में नुकसान होने पर व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा का सुरक्षा कवरेज प्रदान किया जाता है.


राजस्थान में बारिश के कारण कटाई उपरांत या खड़ी फसल में नुकसान (Crop Loss In Rain)  की फसलों का आकलन करने के लिये विभिन्न जिलों में सर्वे भी किया जा रहा है. इस काम में खुद कृषि विभाग (Rajasthan Agriculture Department) और बीमा कंपनियों के अधिकारी ग्राउंड लेवल पर काम कर रहे हैं. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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