Saur Krishi Aajeevika Yojana: किसानों की आय को दोगुना करने के लिये सरकार नई योजनाओं पर काम कर रही है. इसी कड़ी में अब कृषि को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ा जा रहा है. चाहे सोलर पंप (Solar Pump) हो या फिर सोलर पैनल के जरिये बिजली निर्माण. इन सभी योजनाओं का उद्देश्य किसानों के लिये अतिरिक्त आय का सृजन करना है. अब राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने भी खाली और बेकार पड़ी जमीन और बंजर खेतों के लिये सौर ऊर्जा आजीविका योजना चलाई है. इस योजना के तहत 17 अक्टूबर को राज्य ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सौर कृषि योजना पोर्टल लांच किया गया. इस पोर्टल से अब खेती योग्य बंजर-बेकार जमीनों के मालिक, किसानों, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी को जोड़ा जा रहा है.


सौर कृषि योजना पोर्टल हुआ लॉन्च
सौर कृषि आजीविका योजना (Saur Krishi Ajeevika Yojana) का नया पोर्टल www.skayrajasthan.org.in भूमिहीन किसानों और विकासकर्ताओं को जमीन मालिक किसानों की बंजर-अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना में मदद करेगा. इस पोर्टल की मदद से सौर ऊर्जा प्लांट लगाने वाली कंपनियां सीधा किसानों से जुड़ सकेंगी और जमीन को लीज पर लेने के लिये किसानों से संपर्क कर पायेंगी. इतना ही नहीं, इस पोर्टल पर केंद्र और राजस्थान सरकार की अन्य कृषि योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध होगी. 






सौर कृषि आजीविका योजना 
सौर कृषि आजीविका योजना को 30 सितंबर, 2022 को लॉन्च किया गया. इस योजना का मकसद किसानों को अपनी अनुपयोगी अथवा बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता करना है. इस योजना से जुड़कर किसान अपनी बेकार पड़ी जमीन को लीज पर देकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं.


इस योजना के तहत विकसित पोर्टल पर भूमि मालिक किसान अपनी जमीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये पोर्टल पर पंजीकृत करवा सकते हैं. इसके बाद भूमि विकासकर्ता और निजी कंपनियां पोर्टल पर जमीन की विवरण देखकर नियमों के अनुसार वहां सौर ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं. इस काम के लिये पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के तहत का 30 प्रतिशत अनुदान भी दिया जायेगा.


राजस्थान में सौर खेती
राजस्थान की ज्यादातर जमीन पानी की कमी के कारण बंजर हो चुकी है. यहां की रेतीली मिट्टी में भी किसान ज्यादा फसलें नहीं ले पाते. वहीं राजस्थान की गर्म जलवायु भी कृषि के लिये काफी समस्यायें खड़ी कर देती है. यही कारण है कि ज्यादातर किसानों की जमीन बंजर और अनुपयोगी ही रह जाती है. इस पर खेती नहीं होती तो किसानों को कोई लाभ भी नहीं. ऐसे में सौर कृषि आजीविका योजना के जरिये अब किसानों को इन्हीं बेकार जमीनों से पैसा कमाने का अवसर मिल रहा है.


वैसे तो बाकी राज्यों की तुलना में राजस्थान को सौर ऊर्जा (Solar Power) के क्षेत्र में नंबर-1 पर माना जाता है. पिछले कुछ सालों में राजस्थान देश का सौर ऊर्जा हब बनकर उभरा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में सौर ऊर्जा से जुड़ने के लिये सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्रों की भी दिलचस्पी बढ़ रही है. इस मामले में मुख्य सचिव उषा शर्मा बताती है कि राज्य में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा और 127 गीगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता मौजूद है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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