किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं, जिससे कि किसानों की खेती की लागत कम हो सके और आमदनी बढ़े. फसल की सिंचाई की व्यवस्था करने के लिए राजस्थान सरकार ने एक बड़ी पहल की है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वर्ष 2024-25 में उद्यान विभाग अनुसूचित जनजाति वर्ग में सामुदायिक जल स्रोत बनाने के लिए सब्सिडी दे रही है.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वर्ष 2024-25 में उद्यान विभाग को अनुसूचित जनजाति वर्ग में सामुदायिक जल स्रोत (100x100x3) मीटर साइज के एक किसान या (50x50x3) मीटर के 4 किसानों के लक्ष्य मिले हैं. सामुदायिक जल स्रोत बनाने के लिए किसानों के समूह द्वारा 10 हेक्टेयर के कमांड क्षेत्र के लिए (100x100x3) मीटर साइज के सामुदायिक जल स्रोत निर्धारित बीआईएस मापदंड की न्यूनतम 500 माइक्रोन प्लास्टिक फिल्म, आरसीसी लाइनिंग से निर्माण पर 20 लाख रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी मिलेगी. या फिर अन्य छोटी साइज न्यूनतम (50x50x3) मीटर के जल स्रोत बनाने पर कमांड क्षेत्र के अनुसार (प्रोरेटा बेसिस पर ) छूट दी जाएगी.
इन शर्तों को करना होगा पूरा
योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं, जिनको किसान को पूरा करना होगा. जिसमें जल स्रोत बनाने के लिए कृषक समूह के पास एक स्थान पर 10 हेक्टेयर भूमि होना अनिवार्य है. छोटी साइज न्यूनतम (50x50x3) मीटर साइज के जल स्रोत के लिए 2.50 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी.
किसानों की न्यूनतम संख्या होगी तीन
किसान समूह के जल स्रोत बनाने के लिए न्यूनतम किसान संख्या तीन रखी गई है. जिसमें पति-पत्नी को एक ही इकाई में शामिल किया जाएगा. किसान समूह को जल स्रोत निर्माण के बाद वर्षा जल संचित होने पर 10 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र के लिए 4 हेक्टेयर क्षेत्र के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई विधियों के साथ उद्यानिकी फसलों की खेती किया जाना आवश्यक है.
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इन प्रपत्रों की होगी आवश्यकता
सामुदायिक जल स्रोत का निर्माण किसान, किसान समूह को अपनी निजी भूमि में करवाना होगा. आवेदन के साथ अपनी निजी भूमि होने का प्रमाण के रूप में जमाबंदी (6 माह से पुरानी नहीं) व नक्शा ट्रेस आवेदन पत्र के साथ लगाकर देना होगा.
यहां कर सकते हैं संपर्क
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वर्ष 2024-25 में सामुदायिक जल स्रोत (100x100x3) मीटर साइज के निमार्ण के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी उद्यान या कार्यालय उप निदेशक उद्यान में सम्पर्क कर सकते हैं.
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