Onion Storage: आलू-प्याज का स्टोरेज हाउस खोलने के लिए मिल रही 50% सब्सिडी... 87,500 रुपये देगी सरकार!
राजस्थान के 10,000 किसानों को प्याज की भंडारण इकाई के लिए 50% सब्सिडी यानी 87,500 रुपये का अनुदान का प्रावधान किया गया है. राज्य में कुल 2,500 प्याज भंडारण इकाई चालू करने की प्लानिंग है
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Subsidy on Onion Storage: फसलों का सही ढंग से भंडारण उतना ही जरूरी है. जितना उपज सही तरीके से उत्पादन करना. क्योंकि कई बार फसल कटाई के बाद खेतों में पड़े-पड़े ही सड़ जाती है. इससे किसानों को काफी नुकसान भी होता है, इसलिए किसानों को चाहिए कि फसलों को कटाई के बाद उचित प्रबंधन के लिए तुरंत भंडार गृहों में भेज दिया जाए. हालांकि ये भंडार घर गांव के पास ही बनाए जाते हैं. जहां किसान को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए कुछ पेमेंट करनी होती है. लेकिन किसान चाहें तो अपने गांव में खुद की भंडारण इकाई भी खोल सकते हैं. इसके लिए सरकार 50% सब्सिडी भी दे रही है. जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सरकार ने प्याज भंडारण के लिए नई योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत राज्य के 10,000 किसानों को 2,550 भंडारण इकाई स्थापित करने के लिए 87.50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा.
किसानों को कितना अनुदान मिलेगा?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो किसानों को अलग-अलग योजना के तहत प्याज के भंडारण के लिए सहायतानुदान उपलब्ध करवाया जाएगा. इसमें प्याज की भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रति यूनिट 1.75 लाख की लागत तय की गई है. इसी लागत पर लाभार्थी किसानों को 50% सब्सिडी दी जाएगी. कोई भी किसान अधिकतम 87,500 रुपये का लाभ प्राप्त कर सकता है. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले में कृषि विभाग के कार्यालय या राज किसान पोर्टल पर भी विजिट कर सकते हैं.
कौन सी है यह योजना?
राजस्थान सरकार ने राज्य के कृषि बजट 2023-24 के तहत प्याज की भंडारण इकाइयों पर किसानों को अनुदान देने का ऐलान किया है. इस काम के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1450 भंडारण इकाइयों के लिए 12.25 करोड रुपये मिलाकर 34.12 करोड रुपये खर्च करने जा रही है. इसके अलावा 6100 भंडारण इकाईयों के लिए कृषक कल्याण कोष से 53.37 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान है.
क्यों बनाएं प्याज की भंडारण यूनिट?
जैसा कि आप जानते हैं कि इन दिनों जलवायु परिवर्तन से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. तेज बारिश आंधी की वजह से खेत में खड़ी और कटी हुई फसलें लगभग बर्बाद हो गई. ऐसी परिस्थितियों में सबसे ज्यादा भंडारण इकाईयों की कमी महसूस होती है. ये भंडारण इकाईयां किसानों की उपज को बर्बाद होने से बचाती हैं, बल्कि कई बार स्टोरेज यूनिट्स की मदद से किसानों को उपज के अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. यहां किसान उपज सस्ती होने पर स्टोर कर सकते हैं. वहीं जब प्याज के दाम बाजार में बढ़ जाएं, तब भंडार गृहों से निकालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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