Rabi Season 2022: उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ जंग तेज! किसानों की डिमांड के अनुरूप फर्टिलाइजर देगी राजस्थान सरकार
Fertilizer in Rajasthan: उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही रबी फसलों की खेती के लिए किसानों को मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जाएंगे.
Rabi Crop Farming: देश के ज्यादातर इलाकों में खरीफ फसलों की कटाई का काम पूरा हो चुका है. इस समय किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके रबी फसलों (Rabi Season 2022) की बुवाई में जुट गए हैं. इसके लिये तेजी से खाद, बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की खरीददारी भी जारी है. इसी के साथ-साथ बाजार में भी नकली उर्वरक और बीजों की कालाबाजारी की संभावनायें भी बढ़ रही है. अब इस समस्या के खिलाफ राजस्थान सरकार ने नियम कड़े कर दिए हैं.
राजस्थान सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, राज्य में उर्वरकों (Fertilizer) की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं रबी फसलों की खेती के लिए किसानों को भी उनकी मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जाएंगे.
किसानों को मांग के अनुरूप उर्वरक
जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के कारण खेती योग्य जमीन लगातार अपनी उपजाऊ शक्ति खोती जा रही है. वैसे तो देशभर में किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन कुछ इलाकों में मिट्टी की जांच के आधार पर खेती में उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जाता है.
ये उर्वरक आज मिट्टी की जरूरत बन चुके हैं. यही कारण है कि रबी फसलों की बुवाई से पहले किसान खाद और बीज के साथ-साथ उर्वरक भी खरीद लेते हैं लेकिन नकली उर्वरक और नकली बीजों की कालाबाजारी के कारण किसानों को खेती में नुकसान झेलना पड़ता है. इसी समस्या के खिलाफ राजस्थान सरकार अब सख्त कदम उठा रही है.
राज्य में रबी फसलों के लिए किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. अक्टूबर माह में अब तक 1.67 लाख मीट्रिक टन यूरिया व 1.09 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है और वर्तमान में राज्य में 1.31 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 56 हजार मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है. pic.twitter.com/i6DTl1Mr5Q
— Government of Rajasthan (@RajGovOfficial) October 19, 2022
राजस्थान में विशेष जांच अभियान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में अब किसानों को नकली उर्वरक और बीजों की कारण नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा. सरकार ने इस समस्या की रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. इसके लिए कृषि विभाग विशेष जांच अभियान भी चलाया है, जिसके तहत पैकिंग के साथ-साथ खुले में बिकने वाले खाद, बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की सख्ती से निगरानी की जाएगी. इतना ही नहीं, खाद, बीज, कीटनाशक और उर्वरकों में कालाबाजारी का संदेह होने पर किसान खुद भी टीम के साथ इन चीजों की गुणवत्ता जांच में योगदान दे सकते हैं.
संदेहजनक नमूनों को जांच के लिए जयपुर लैब में भेजा जाएगा. अगर प्रयोगशाला की जांच में इनके नमूने अमानक पाए जाते हैं तो पुष्टि होने के बाद संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर कार्रवाई भी की जाएगी. यह अभियान खरीफ सीजन 2022 के बाद से रफ्तार में आया है. बता दें कि रबी सीजन के दौरान भी नकली खाद-बीज के खिलाफ चलाए जा रहे जांच अभियान में करीब तीन दर्जन उर्वरक और कीटनाशकों के सैंपल नकली मिले थे.
राजस्थान में उर्वरकों का भंडार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रबी फसलों की खेती के लिए राजस्थान में किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करवाए जाएंगे. आंकड़ों के मुताबिक अभी तक अक्टूबर माह में 1.67 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 1.09 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति किसानों को सुनिश्चित की जा चुकी है. इतना ही नहीं रबी फसलों की खेती के लिए वर्तमान में राजस्थान के पास 1.31 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 56 हजार मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है, इसलिए सभी जरूरतमंद किसानों तक समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें-
खत्म होगी भंडारण की टेंशन! इन 12 राज्यों में बनेंगे आधुनिक स्टील गोदाम