Animal Shelter: आज कई राज्यों में आवारा गौवंशों की तादात बढ़ती जा रही है. ये पालतू जानवर जब दूध नहीं देते तो इन्हें सड़कें हांकने के लिए छोड़ दिया जाता है. फिर ये सड़कों को अपना आश्रय बना लेते हैं. इन दिनों सड़कों पर बढ़ रही दुर्घटनाओं का एक कारण ये आवारा पशु ही बनते जा रहे हैं. ये पशु खेतों में घुंसकर फसलों को बर्बाद कर देते हैं, जिससे किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती है. यूपी, बिहार और राजस्थान में आवारा गौवंशों की समस्या बढ़ती जा रही है. ये तीनों ही राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर इस समस्या से निजात पाने के लिए काम कर रही हैं.
इस कड़ी में अब राजस्थान सरकार ने भी अहम फैसला किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायतों में ही पशु आश्रय स्थल और गौशालाएं बनाने का ऐलान किया है. यह काम मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत किया जाना है.
कैसे बनाए जाएंगी गौशाला/पशु आश्रय स्थल
राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके पहले चरण में 1,500 ग्राम पंचायतों में गौशाला और पशु आश्रय बनाए जाएंगे, जिसके लिए 1,377 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
इस योजना के तहत उन ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता से पशु आश्रय स्थल बनाए जाएंगे, जहां इनका संचालन करने के लिए सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत, स्वयं सेवी संस्था मौजूद होगी. यहां गौशाला बनाने के लिए एक-एक करोड़ रुपये की राशि का आबंटन किया जाएगा.
इस योजना के मुताबिक, 90% राशि को राज्य सरकार और 10% राशि को कार्यकारी एजेंसी वहन करेगी. फिलहाल, इस योजना के तहत साल 2022-23 में 183.60 करोड़ रुपये की लागत से 200 और साल 2023-24 में 1,193.40 करोड़ रुपये की लागत से 1,300 ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण होना है.
किसानों को मिलेगी आवारा पशुओं से निजात
आवारा पशुओं की बढ़ती आबादी का सबसे बड़ा खामियाजा किसानों को ही तो भुगतान पड़ता है. ये पशु खेतों में जाकर फसलों को चट कर जाते हैं. फसल उत्पादन मिलने से पहले ही खेत के खेत साफ हो जाते हैं. इस तरह पूरे सीजन मेहनत करने वाले किसानों के हाथ निराशा ही लगती है.
कई बार तो किसानों को इस नुकसान का मुआवजा तक मिलना मुश्किल हो जाता है, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो जाता है, लेकिन अब राजस्थान के किसानों की इस समस्या का समाधान होगा ही, साथ में आवारा और निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल भी मिल जाएगा.
पशुपालकों को मिल रहा है अनुदान
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो साल 2022-23 में ही राजस्थान सरकार ने अपने बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला और पशु आश्रय स्थल बनाने और उनका संचालन करने का ऐलान किया था.
इसी दिशा में काम करते हुए राजस्थान में गौशालाओं को 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही, पशुपालकों को भी 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध पर अनुदान का भी प्रावधान है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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