(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Floriculture: गुलों से गुलजार हो जाएंगे खेत-खलिहान, फूलों की बागवानी के लिए 40% सब्सिडी दे रही सरकार, यहां करें आवेदन
Subsidy on Flower Cultivation: राजस्थान में लूज फ्लावर की खेती के लिए लघु, सीमांत और सामान्य वर्ग के किसानों को 40% तक सब्सिडी यानी अधिकतम 16,000 रुपये के अनुदान का प्रावधान किया गया है
Subsidy on Drip Irrigation: देश की मिट्टी और जलवायु फूलों की खेती के लिए काफी अनुकूल है. यहां गुलाब,गेंदा, ग्लेडीयोलस, रात की रानी, बेला, मोगरा, हरसिंगार, सदासुहागन, लिली, गुलदावदी, रजनीगंधा से लेकर ट्यूलिप, लिलियम और विदेशी किस्में भी उगाई जा रही है. देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम, तीज-त्यौहार और तरह-तरह के आयोजन चलते रहते हैं, जिसके चलते फूलों की डिमांड बनी रहती है, इसलिए अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ किसान अपनी जमीन के एक हिस्से पर फूलों की खेती करने में रुचि दिखा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में फूलों की मिश्रित खेती करने का चलन भी बढ़ गया है.
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बागवानी मिशन और अरोमा मिशन के अलावा राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर कई योजनाओं के जरिए फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने भी अनोखी पहल की है. राज्य में फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बागवानी विभाग से आर्थिक और तकनीकी मिलती है.
फूलों की बागवानी के लिए सब्सिडी
राजस्थान के किसानों को लूज फ्लावर यानी देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गैलार्डिया की खेती के लिए 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर लागत का अनुमान है, जिस पर 25 से 40 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.
- छोटे और सीमांत किसानों को फूलों की खेती की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी यानी अधिकतम 16,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
- बाकी श्रेणी के किसानों को लूज फ्लावर की खेती पर 25 फीसदी की छूट यानी अधिकतम 10,000 रुपये के अनुदान का प्रावधान है.
अनुदान के साथ मिलेंगी ये सुविधाएं
फूलों की बागवानी के लिए विशेष अनुदान योजना में आवेदन करने के बाद चयनित लाभार्थी किसानों को आर्थिक मदद के साथ विभाग की तरफ से तकनीकी सहयोग भी मिलेगा.
- नियमों के अनुसार, चुने गए किसान को फूलों की खेती से लेकर विपणन और रख-रखाव और इस्तेमाल की जानकारी और मदद दी जाएगी.
- फूलों की खेती के मिट्टी और पानी की जांच के आधार पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
- किसानों को मिलने वाली अनुदान की राशि में से सबसले पहले पौध रोपण सामग्री और फिर खेती की बाकी चीजें मुहैया करवाई जाएंगी.
- फूलों की बागवानी करने वाले किसान को गोबर की खाद (FYM) 1.00 रुपये प्रति किलोग्राम और वर्मीकंपोस्ट 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध करवाई जाए.
- खाद, उर्वरक और कीटनाशक समेत बाकी चीजें सहकारी समितियों के जरिए उपलब्ध करवाई जाएंगी.
- अधिक जानकारी के लिए dipr.rajasthan.gov.in पर डीटेल पढ़ सकते हैं.
किन किसानों को मिलेगा लाभ
फूलों के नए बाग लगाने के लिए अनुदान योजना में सिर्फ राजस्थान के किसानों को शामिल किया गया है. इसमें अजमेर , अलवर , बांसवाडा , बाडमेर , भीलवाडा , बूंदी , चित्तौडगढ , डूंगरपुर , श्रीगंगानगर , जयपुर , जैसलमेर , जालौर , झालावाड , झुंझुंनू , जोधपुर , कोटा , नागौर , पाली , सिरोही , सवाई माधोपुर , टोंक , उदयपुर , बारां , करौली के किसानों को प्राथमिकता से लाभ दिया जाएगा.
कैसे करें आवेदन
फूलों की बागवानी के लिए राजस्थान सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं. इस स्कीम का लाभ खुद की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को दिया जाएगा. अधिकतम अनुदान की रकम 2 हेक्टेयर में फूलों की खेती के लिए दी जाएगी, हालांकि किसान के पास कम से कम 0.10 हेक्टेयर जमीन का होना अनिवार्य है. इस योजना के लिए आवेदन ऑनालाइन मांगे जाते हैं.
किसान चाहें तो ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के साथ किसान को अपना आधार कार्ड, जमीन की जमाबंदी, किसान द्वारा शपथ पत्र, मिट्टी-पानी जांच की रिपोर्ट, जन-आधार या भामाशाह कार्ड कॉपी देना भी अनिवार्य है. अधिक जानकारी के लिए www.horticulture.rajasthan.gov.in पर विजिट कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें:- अब गांव में बढ़ेंगे स्व-रोजगार के अवसर, आत्मनिर्भर बनेंगे युवा-किसान, यह है सरकार का पूरा प्लान