Capsicum Cultivation: किसान और फौजियों में कई समानताएं हैं. दोनों ही धरती मां की सेवा में सीधे तौर पर जुड़े होते हैं. भारत के सुरक्षा बलों में भी एक बड़ी संख्या में गांव और किसान परिवारों से आते हैं. देश की सेवा करने के बाद सेवानिवृत्त होकर अपनी गांव अपनी मिट्टी की सेवा करने में जुट जाते हैं. राजस्थान के राजसमंद जिले के किसान मोती लाल का नाम भी धरती मां के उन रक्षकों में शामिल है, जिन्होंने देश की रक्षा करने के बाद खेती-किसानी से जुड़ने का फैसला किया. आज किसान मोतीलाल अपनी 13 बिस्वा जमीन पर सब्जियों की जैविक खेती कर रहे हैं. इतनी कम जमीन होने के बावजूद मोतीलाल जी के आइडिया ना सिर्फ खेती में खर्च को कम कर दिया है, बल्कि इससे 3 लाख रुपये का मुनाफा भी मिल रहा है.


भारत मां का सेवक बना किसान


किसान मोतीलाल राजस्थान के राजसमंद जिले की भीम तहसील के बली-जस्सा खेड़ा पंचायत से आते हैं. उनकी जमीन सेल्मा गांव में है, जहां वो 2008 से ही जैविक खेती कर रहे हैं. इससे पहले मोतीलाल भारत मां की रक्षा में सेवारत थे, लेकिन साल 1994 में दिव्यांग होने की वजह से सेवानिवृत्त होना पड़ा. इसके बाद अपने गांव लौटकर साल 1995 से खेती करना चालू कर दिया. 12 साल खेती करने के बाद जैविक खेती के फायदों को समझा और पूरी तरह ऑर्गेनिक फसलें उगाने लगे.



रंग बिरंगी जैविक शिमला मिर्च की खेती से चमके राजसमंद के मोती, 13 बिस्वा जमीन में कमा रहे है 3 लाख तक का शुद्ध लाभ


इस तरकीबों से बढ़ाया मुनाफा


मोतीलाल जी अपनी 1000 वर्ग मीटर जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं. इस काम में खाद, बीज या मार्केटिंग जैसे कामों में 1.5 लाख रुपये की लागत आती है. कीट-रोग प्रबंधन के लिए भी कैमिकल कीटनाशक के बजाए जैविक नुस्खे आजमाते रहते हैं.


मोतीलाल जी ने संरक्षित ढांचे- पॉलीहाउस में रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की फसल लगाई है, जिसमें फंगस को रोकने के लिए छाछ का इस्तेमाल किया जाता है. जब शिमला मिर्च की फसल तैयार हो जाती है तो उसे ब्यावर की मंडी में बेच देते हैं. 


इन सब्जियों से खेती से डबल हुई इनकम


मोतीलाल जी ने अपने खेत में रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की लाल रंग की किस्म बॉम्बे रेड और पीले रंग की ओराबेली किस्म लगाई है. इसके अलावा 1 बीघा में दूसरी सब्जियों की मिक्स क्रॉपिंग यानी मिश्रित खेती भी चल रही है. इनमें से बैंगन और बंदगोभी की फसल 1 लाख रुपये की इनकम दे रही है.


करीब 1 बीघा में लगी देसी मिर्च से 80 हजार रुपये और खेत की दीवार पर लौकी 15-20 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है. दूसरी फसलों से भी  4 बीघा जमीन में 4 लाख रुपये की कमाई हो जाती है. मोतीलाल जी अपने खेतों से बेल वाले बेमोशम टमाटर की भी उपज ले रहे हैं, जिससे 1 लाख रुपये का लाभ हो रहा है.


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