Red Chilli Price Hike: देश में बारिश, ओलावृष्टि किसानों की फसलों को तबाह कर रहा है. किसानों को इस बार हुई ओलावृष्टि से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. हालांकि हर राज्य सरकार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. किसानों को मुआवजा देने की कवायद शुरू कर दी गई है. बेमौसम बारिश से सिर्फ गेहूं और सरसों ही नहीं, लगभग हर फसल प्रभावित हुई है. फसल बर्बाद होने का असर उसकी कीमतों पर भी पड़ा है. इसी बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में मिर्च के दामों में आग लग गई हैं. इस महंगाई के कारण आम लोगों की रसोई का बजट तक बिगड़ गया है. 


350 रुपये महंगी हुई लाल मिर्च


खाने में आमतौर पर कश्मीरी लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है. अब इसके दाम 350 रुपये तक बढ़ गए हैं. फिलहाल इसकी कीमत 850 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. मधुपुरा मसाला बाजार के अनुमान के मुताबिक, कश्मीरी लाल मिर्च की कीमत पिछले साल के 500 रुपये किलो से बढ़कर इस साल 850 रुपये प्रति किलो हो गई है. बाजार के जानकारों का कहना है कि मिर्च इतनी महंगी होने से आमजन परेशान हैं. विशेष बात ये है कि किसानों की इनकम भी खास नहीं बढ़ रही है.  


बादाम, किसमिस से महंगी हुई लाल मिर्च


बादाम को महंगी सूखा मेवा के तौर पर देखा जाता है. सब्जी का कोई आइटम मुश्किल ही बादाम की कीमत से उपर जा पाता है. मगर लाल मिर्च ने ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. बादाम की कीमत बाजार में 750 रुपये प्रति किलोग्राम है तो वहीं, बादाम 750 रुपये के लिहाज से बिक रहा है. बादाम और लाल मिर्च की कीमत में 100 रुपये का अंतर आ गया है. वहीं, किसमिस 600 रुपये किलो बिक रही है. 


बेमौसम बारिश की वजह से मिर्च पर महंगाई


वैसे तो अधिकांश राज्यों में मिर्च की उपज होती है. वहीं, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मिर्च का अधिक उत्पादन होता है. जानकारों का कहना है कि इस बार कई राज्यों में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने उपज का खेल बिगाड़ दिया है. काफी मात्रा में मिर्च बर्बाद हो गई है. बाजार में आवक न होने के कारण लाल मिर्च अब बहुत महंगे दामों पर बिक रही है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: डिहाइड्रेशन से बचना है तो सिर्फ सादा पानी नहीं, 'इलेक्ट्रोलाइट्स वॉटर' पिएं, जानें घर पर इसे कैसे बनाएं?