Red ladyfinger for Good Income: गर्मियों में भिंडी का ज़ायका किसे पसंद नहीं है. किसान से लेकर अंबानी तक की रसोई भिंडी से सजी हुई होती है. गर्मियों में जहां इसकी खपत बढ़ जाती है तो वहीं किसान भी खरीफ सीजन में भिंडी की खेती करना पसंद करते हैं. अभी तक तो किसान हरी भिंडी की खेती करके ठीक-ठाक आमदनी कर लेते हैं. लेकिन लाल रंग की भिंडी से स्वाद तो बढ़ेगा ही, साथ ही किसानों की कमाई भी कई गुना बढ़ जायेगी.
लाल भिंडी की खासियत है कि ये हरी भिंडी की तुलना में कहीं ज्यादा फायदेमंद होती है. साथ ही इसकी फसल भी आम भिंडी के मुकाबले जल्दी पककर खड़ी हो जाती है. लाल भिंडी की फसल से अच्छी आमदनी लेने के लिये इस तरीके से फसल की बुवाई का काम करें.
लागत और कमाई
लाल भिंडी में खास औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिसके कारण बड़े-बड़े शहरों में इसकी मांग बनी रहती है. लाल भिंडी की खेती करने के 1 किलो बीज 2400 रुपये तक की कीमत में मिल जाते हैं, जिनकी रोपाई आधे एकड़ खेत में की जा सकती हैं. वहीं इससे कमाई की बात करें तो हरी भिंडी के मुकाबले लाल भिंडी के 5-7 गुना ज्यादा दाम मिल जाते हैं. जहां हरी भिंडी बाजार में 40-60 रुपये किलो तक की कीमत में मिलती है, तो वहीं 250 से 300 ग्राम लाल भिंडी को 300-400 रुपये तक की कीमत पर बेचा जाता है.
लाल भिंडी की खासियत
- लाल भिंडी की सबसे बड़ी खासियत है कि ये हरी भिंडी की तुलना में जल्दी पककर तैयार हो जाती है.
- लाल भिंडी खाने का ज़ायका तो बढ़ा ही देती है, साथ ही दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- लाल भिंडी की फसल में कीड़े और बीमारियां लगने की संभावना कम ही रहती है, जिससे कीटनाशकों पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता.
- एक एकड़ में लाल भिंडी की बुवाई करने पर 40-45 दिन में ही पकने लगती है, इससे 40-45 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हो जाता है.
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