Paddy Husk In China: भारत में अनाज संकट जैसी स्थिति नहीं है. केंद्र सरकार के रिकॉर्ड अनुसार, देश में गेहूं, मक्का, धान भरपूर है. साल भर तक खपत में किसी तरह का संकट नहीं आता है. लेकिन सभी देशों में हालात ऐसे नहीं है. अनाज उत्पादन में चीन का अच्छा रिकॉर्ड रहा है. लेकिन मौजूदा समय में यही देश खाद्यान्न संकट से जूझ रहा है. अब अपने देश के नागरिकों का पेट भरने के लिए इस देश की सरकार ने नई तरह की एडवाइजरी जारी की है. 


धान की भूसी से पेट भरेंगे चीनी
आबादी में पहले और क्षेत्रफल में चीन तीसरे नंबर पर है. लेकिन इस समय चीन खाद्यान्न संकट से परेशान हैं. अपने नागरिकों का पेट भरने के लिए चीन नया जुगाड़ ढूंढ लिया है. सरकार ने नागरिकों को खाने के लिए धान से निकलने वाली भूसी को ही प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है. इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. 


चीन के केवल 11 प्रतिशत भूमि पर होती है खेती
क्षेत्रपफल के लिहाज से चीन बड़ा देश है. लेकिन यहां कृषि भूमि उतनी अधिक नहीं है. आंकड़ों के अनुसार, चीन में केवल 11 प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में पैदावार घटने के पीछे वजह जलवायु परिवर्तन का होना है. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भी चीन में खाद्यान्न पर पड़ा है. इससे चीन में अनाज उत्पादन और खपत दोनों की स्थिति ही गंभीर हुई हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए चीन नए कदम उठा रहा है. 


सेहत के लिए लाभकारी है भूसी
चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि राइस मिल से धान की भूसी तैयार की जाती है. यह चावल पर चढ़ी हुई छिलकानुमा परत होती है. राइस मिल में इसे प्रोसेस के दौरान अलग किया जाता है और इसी की भूसी तैयार कर दी जाती है. इसमें तेल की क्वांटिटी 14 से 18 प्रतिशत तक होती है. असंतृप्त वसा, विटामिन ई, एंटीबॉडी, एंटी ऑक्सीडेंट और अन्य आवश्यक पोषक इसमें पाए जाते हैं. चीन से जारी अधिसूचना के अनुसार, आहार में चावल की भूसी शामिल करने से पोषण में सुधार होगा. इससे लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकेगा.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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