(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rice Export: अमेरिका, ईरान, यमन समेत इन देशों में खूब पक रहा भारत का बासमती चावल, इतने लाख टन हुआ निर्यात
भारत की चीनी, मोटा अनाज ही नहीं, बासमती चावल भी विदेशों में खूब पसंद किया जाता है. अमेरिका, ईरान, यमन समेत अन्य देशों में भारत से चावल भेजा जाता है. इस साल भारत का निर्यात बढ़कर 126 लाख टन हो गया.
Rice Export From India: कृषि के मामले में भारत का दुनिया में बोलबाला है. कई फसल उपज और उसके निर्यात करने को लेकर भारत शीर्ष देशों में शुमार है. भारत का गन्ना, गेहूं और मोटा अनाज विदेशों में खूब सूर्खियां बटोरता है. केंद्र सरकार की पहल पर अगला साल विश्व में मोटे अनाज के रूप में मनाया जा रहा है. वहीं, भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल एक्सपोर्टर देश के रूप में उभरा है. यहां का चावल कई देशों में खाना पसंद किया जाता है.
पहले जानिए, भारत ने किया इतना निर्यात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. बासमती चावल भी सबसे ज्यादा भारत ही एक्सपोर्ट करता है. आंकड़ों पर गौर करें तो शिपिंग प्रतिबंधों के बावजूद, चालू वित्त वर्ष की अवधि में भी भारत ने सुगंधित बासमती और गैर-बासमती चावल का 126.97 लाख टन निर्यात किया है. भारत का निर्यात पिछले साल की अपेक्षा 7.37 प्रतिशत बढ़ गया है.
पिछले साल इसी अवधि में निर्यात 118.25 लाख टन हुआ था. वित्तीय वर्ष 2022-23 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में बासमती चावल का निर्यात पिछले साल 21.59 लाख टन था, जोकि इसी अवधि में बढ़कर 24.97 लाख टन हो गया है. गैर बासमती चावल का निर्यात करीब 5 लाख टन बढ़ा है. यह पहले 96.66 लाख टन था. जोकि अब बढ़कर 102 लाख टन हो गया है.
ये देश करते हैं भारत का बासमती चावल पसंद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत बासमती चावल को अमेरिका, यूरोप और सऊदी अरब जैसे बाजारों में एक्सपोर्ट करता था. गैर बासमती चावल अफ्रीकी देशों में भेजा जाता है. ईरान, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को करीब दो तिहाई बासमती चावल निर्यात किया जाता है.
खरीफ सीजन 2022-23 में घटेगा उत्पाद
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले खरीफ सीजन जुलाई से जून तक चावल का उत्पादन 111.76 लाख टन था, जोकि इस फसल वर्ष 2022-23 के खरीफ सीजन में घटकर 104.99 मिलियन टन रहने का अनुमान है. बता दें कि केंद्र सरकार ने चावल की कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए सितंबर में टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी. गैर बासमती चावल पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क तक लगा दिया. हालांकि जानकारों का कहना है कि इन सबका प्रभाव बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर प्रभाव नहीं पड़ा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.