Rose Cultivation: इन दिनों दुनियाभर वेलेंटाइन वीक की धूम है. वेलेंटाइन वीक में गुलाब का फूल देने का काफी चलन है. इसे प्रेम का प्रतीक भी मानते हैं, लेकिन यही गुलाब इन दिनों किसानों के लिए कमाई का साधन बन जाता है. बाजार में एक दम फूलों की डिमांड में तेजी आ जाती है, जिसका सीधा फायदा फूल उगाने वाले किसानों को होता है. देश की अलग-अलग मंडियों में गुलाब के फूल की कीमतें आसमान छू रही हैं. साधारण दिनों में 8 से 10 रुपये का बिकने वाला गुलाब इन दिनों 50 रुपये और 100 रुपये तो छोड़िए 150 रुपये तक की कीमत पर बिक रहा है.
गाजीपुर मंडी में भी फूलों के दाम में छूए आसमान
रिपोर्ट की मानें तो वेलेंटाइन वीक चालू होते ही गाजीपुर मंडी में फूलों के दाम आसमान छू गए. 7 जनवरी यानी वेलेंटाइन डे के पहले ही दिन 4 से 5 रुपये की कीमत पर बिकने वाला गुलाब थोक रेट में 40 से 50 रुपये का बिका. हम बात कर रहे हैं लाल गुलाब की, जिसकी कीमत गाजीपुर मंडी में तो 15 रुपये रही, लेकिन प्रेमी के हाथ में पहुंचने तक गुलाब 50 से 60 रुपये का हो गया. वहीं एक बुके की कीमत हजारों रुपये तक बताई गई.
गाजीपुर मंडी के व्यापारी ने बताया कि 70 प्रतिशत फूलों का एक्सपोर्ट बैंगलोर और नागपुर से होता है. यहां से वाइट, येलो, फेमेलिया, ऑरेंज कलर के गुलाब के अलावा, जरबेरा आदि के फूल भी गाजीपुर मंडी में आते हैं. व्यापारी बताते हैं कि बाजार की कीमत इनकमिंक के हिसाब से निर्धारित की जाती है. आवक ज्यादा है और बिक्री कम है तो कीमतें कम हो जाती है. वहीं आवक कम और डिमांड बढ़ने से कीमतें भी बढ़ जाती हैं.
किसानों को अनुदान
आपको बता दें कि वेलेंटाइन वीक में सिर्फ गुलाब ही नहीं, जरबेरा की भी काफी मांग रहती है. इसके खुशबूदार बुके प्रेमी जोड़ों को खूब लुभाते हैं. गाजीपुर मंडी में भी इन दिनों जरबेरा की ऊटी वेरायटी आई हुई है, जो बेस्ट क्वालिटी बताई जाती है. यहां के व्यापारी सीधा किसानों से फूल खरीदकर आगे व्यापार करते हैं. एक व्यापारी ने बताया कि एक एकड़ में जरबेरा की खेती 50 लाख की है, लेकिन बागवानी विभाग से सब्सिडी मिलने पर लागत कम हो जाती है. तेलंगाना में सबसे ज्यादा जरबेरा उगाया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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