Rose Farming In Rajasthan: फूलों का प्रयोग घर, कार्यालय और अन्य जगह पर होने वाले कार्यक्रमों में प्रयोग होता है. किसान इससे अच्छी आय कर लेते हैं. एक-एक फूल बाजार में 10 रुपये तक बिकता है. कई बार कीमत 500 रुपये प्रति फूल या अधिक भी हो जाती है. देश में किसान फल, सब्जी के अलावा फूलों की खेती से भी अच्छा मुनाफा पा सकते हैं. केंद्र और राज्य सरकार फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. राजस्थान सरकार ने अब फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. इसका सीधे तौर पर आर्थिक लाभ किसानों को मिल सकता है. 


राजस्थान सरकार देगी फूलों की खेती पर सब्सिडी


राजस्थान में फूलों की खेती बढ़ाने की कवायद की है. राजस्थान में फूलों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. 2 हेक्टेयर क्षेत्र में लूज फ्लावर यानी देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गैलार्डिया की खेती के लिए छोटे और सीमांत किसानों को कुल लागत पर 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. यह अधिकतम 16 हजार रुपये होगी. वहीं, प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये तक खर्च आने का अनुमान है. वहीं, अन्य किसानों को 25 प्रतिशत, अधिकतम 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. 


इन जिलों में चल रही योजना


फूलों के बगीचों के लिए सब्सिडी स्कीम कई जिलों में लागू की गई है. इनमें अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाडमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुंनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बारां और करौली शामिल है.


बगीचों पर लगाना होगा बोर्ड


यदि कोई किसान संपर्क करता है तो ऐसे किसान को गोबर की खाद 1.00 रुपये प्रति किलोग्राम और वर्मीकंपोस्ट 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जाएगा. फूलों के बगीचे पर अपना डिटेल्ड विवरण भी भरना होगा. इसके लिए किसान को बगीचे पर एक बोर्ड लगाना होगा. बोर्ड पर किसान का नाम, पता, किस साल बगीचा लगा, कुल क्षेत्रफल, फूलों की प्रजाति का नाम, सब्सिडी का विवरण भी लिखना होगा.  


ये जरूरी दस्तावेज रखिए


फूलों की बागवानी के लिए किसान के पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने जरूरी हैं. इसमें आधार कार्ड की प्रति, जमाबंदी की कॉपी, किसान का शपथपत्र, जन आधार या भामाशाह कार्ड की कॉपी रखनी चाहिए. 


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