Sabour Hira Paddy Cultivation: धान की खेती का सीजन चल रहा है और किसान जोरों-शोरों से धान की खेती में जुटे हैं. अधिक पैदावार और क्वालिटी उत्पादन के लिये इस बार किसान धान की उन्नत किस्मों से खेती कर रहे हैं, जिससे कि जोखिम की संभावना भी कम हो जाती है.
धान की एक ऐसी ही बेहतरीन किस्म खेती के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है. बिहार के कृषि वैज्ञानिकों ने हीरे के तरह चमकने वाली धान की इस किस्म का नाम साबौर हीरा धान रखा है. साबौर धान से निकले चावल सिर्फ चमकते ही नहीं है, बल्कि सेहत के लिये भी काफी फायदेमंद हैं.
साबौर हीरा धान की खासियत (Specialties of Sabour Hira Paddy Crop)
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साबौर हीरा धान कृषि वैज्ञानिकों की 7 वर्ष की तपस्या का फल है, इसकी खासियत को समझते हुये केंद्र सरकार ने बिहार समेत पांच राज्यों में इसकी खेती के लिये मंजूरी दे दी है.
- चावल की ये किस्म सेहत के लिये तो फायदेमंद है ही, साथ ही कम सिंचाई में भी किसानों को बंपर उत्पादन लेने में मदद करेगी.
- धान की साबौर हीरा किस्म में कीड़े और बीमारियों की संभावना कम ही रहती है, इसलिये इसकी जैविक खेती करने पर अधिक उत्पादन ले सकते हैं.
- साबौर हीरा किस्म में गजब की रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है, जो सामान्य धान से डेढ़ गुना ज्यादा उपज दे सकती है.
- कम पानी वाले इलाकों में धान की ये किस्म सिर्फ 15 दिन पानी में रहकर के बावजूद 70 के 80 क्विटल तक उत्पादन देती है.
- साबौर धान की फसल परिपक्व होने पर या पौधा 110 से 150 सेमी होने पर मजबूती पकड़ लेता है, ऐसे में तेज आंधी और हवाओं से फसल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता.
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