(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Alert! बाजरे की फसल पर बढ़ सकता है फड़का रोग का प्रकोप, लक्षण दिखने पर तुरंत करें ये वैज्ञानिक उपाय
Phadka Disease Management: इन दिनों ये फसल भी फडका और अरगट जैसी बीमारियों के संकट से जूझ रही है. इस समस्या के चलते फसलों की क्वालिटी गिर जाती ही और उत्पादन भी काफी हद तक प्रभावित हो रहा है.
Crop Management in Pear Millets: भारत में किसानों को फसलों में बढ़ते कीट-रोगों की समस्या (Pest-Disease in Crop) के कारण उपज में बड़ा नुकसान झेलना पड़ जाता है. अकसर ऐसी स्थिति फसल की कमजोरी या जलवायु के परिवर्तन के कारण आती है. अगर खरीफ सीजन की खेती (Kharif Crop Management) पर नजर डालें तो ज्यादातर फसलों पर कीट-रोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. बात करें पोषक अनाज बाजरा (Pearl Millet Farming) के बारे में, तो इन दिनों ये फसल भी फडका और अरगट जैसी बीमारियों के संकट से जूझ रही है. इस समस्या के चलते फसलों की क्वालिटी गिर जाती ही और उत्पादन (Pearl Millet Production) भी काफी हद तक प्रभावित हो रहा है.
राजस्थान में फडका रोग
रिपोर्ट्स की मानें तो राजस्थान में जयपुर से सटे खेतिहर इलाकों, खासकर कोठपुतली में बाजरा की फसल फडका रोग का प्रकोप बढ़ता जा रहा है.
- इसके बढ़ते लक्षणों के कारण किसान लगातार नुकसान झेल रहे हैं. इस समस्या के समाधान के लिये कृषि विशेषज्ञ तुरंत कीट और रोग नियंत्रण कार्य करने की सलाह देते हैं.
- इस तरह की समस्याओं में शुरुआत से ही खेत की तैयारी, उन्नत किस्मों का चुनाव, बीज उपचार, समय पर बुआई और संतुलित मात्रा में खाद व उर्वरक के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिये.
फडका रोग का वैज्ञानिक समाधान
बाजरा की फसल को फडका के आंतक से मुक्त करवाने के लिये खेत में लाइट ट्रैप यानी प्रकाश प्रपंच का इस्तेमाल करें.
- इसके नियंत्रण के लिये मेडों पर मेलाथियान 5% या फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत चूर्ण की 25 किलो मात्रा का प्रति हेक्टेयर पर बुरकाव कर दें.
- चाहें तो क्लोरोपायरीफॉस की 1.25 ली मात्रा या प्रोफेनाफोस की 1.25 ली. मात्रा या फिर डायक्लोरोवॉस की 1 ली. मात्रा को प्रति हेक्टेयर फसल के हिसाब से छिड़क सकते हैं.
तना छेदक की रोकथाम
यदि बाजरा की फसल में तना छेदक कीट का प्रकोप भी दिख रहा है, तो इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एसएल की 0.5 मिली मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करना चाहिये.
इस तरह बढ़ायें बाजरा की पैदावार
अकसर बाजरा की कमजोर फसल (Pearl Millet Crop Management) पर भी कीट और रोगों का संकट मंडराने लगता है. ऐसे में फसलों में पोषक तत्वों की कमी दूर करें. फसल की मजबूती के लिये 25 किग्रा. नाइट्रोजन और 500 ग्राम ह्यूमिक एसिड का प्रयोग फसल की जमीन (Fertilizer in Pearl Millet Crop) पर करना फायदेमंद रहता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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